नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और जगह-जगह तबाही के मंजर देखे जा रहे हैं। पानी की ताकत इतनी है कि घर ताश के पत्ते की तरह गिर रहे हैं और गाड़ियां तिनके की तरह बह रही हैं। हिमाचल में तबाही का मंजर देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कई स्थानीय लोगों ने तबाही का वीडियो भी बनाया है जो अब सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं।
6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग गंभरोला के पास भूस्खलन होने से बंद हो गया है, जिसे राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया है। कुल्लू जिले में सोमवार को रामपुर-केदास लिंक मार्ग के पास एक वाहन के गहरी खाई में गिर जाने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया। ऐसी खबरों के बीच तबाही की तस्वीरें भयावह हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे अतिक्रमण कर के बनाया गया एक होटल नदी के तेज बहाव के सामने टिक नही पाया और देखते ही देखते पानी में समा गया। हिमाचल में ब्यास और पार्वती नदियां सबसे ज्यादा तबाही मचा रही हैं।
मंडी जिले में भगवान शिव का मशहूर पंचव्रक्ता मंदिर आधे से ज्यादा डूब चुका है। यहां जाने के लिए सभी संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। हालांकि इस बीच लोगों का ये भी कहना है कि जब नदी के बहाव के आगे आधुनिक ढांचे नहीं टिक पा रहे तब भी ये मंदिर अडिग खड़ा है।
इस बीच हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खु सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राज्य में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएम का कहना है कि नुकसान का शुरुआती अनुमान 3000 करोड़ रुपये से 4000 करोड़ रुपये के बीच है। सीएम सुक्खू ने कहा कि मौसम अनुकूल होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और निवासियों को निकालने के प्रयास जारी हैं। तीर्थयात्रा के दौरान छह मौतों की सूचना के कारण श्रीखंड महादेव यात्रा को शेष सीज़न के लिए रोकने का निर्देश दिया गया है।