मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख और बरहामपुर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी ने बीते बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात का एहसास हो गया है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे उनकी सोच के मुताबिक नहीं होंगे, इस कारण वो लगातार लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा, "चुनाव शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के जीत का ऐलान कर दिया था लेकिन अब चीजें बदल गई हैं और इस कारण वो अब बहुत ज्यादा बौखला गए हैं। वह इस बात को अच्छे से समझ रहे हैं कि चुनाव परिणाम उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं होंगे, इसलिए वह लोगों को गुमराह करने के लिए दूसरे उपाय कर रहे हैं।"
चौधरी ने पीएम मोदी पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा, ''नरेंद्र मोदी कई पहलुओं में विफल रहे हैं और चुनाव में वो लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं।''
पीएम मोदी के अलावा पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह राज्य की ममता सरकार द्वारा किये जा रहे 'गलत कामों' को जनता के बीच उजागर करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है। मैं लोगों के सामने सरकार के गलत कामों को उजागर करना चाहता हूं।"
मालूम हो कि अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर से मौजूदा सांसद हैं और इस चुनाव में उनका मुकाबला टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान से है, जो टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और बीजेपी ने इस सीट से डॉक्टर निर्मल साहा को मैदान में उतारा है।
बहरामपुर उन दो लोकसभा सीटों में से एक है, जिन पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। चौधरी 1999 से बहरामपुर लोकसभा सीट से जीतते रहे हैं। बहरामपुर में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा।
चौधरी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी की अपूर्बा सरकार को 80,696 वोटों के अंतर से हराया था। हालांकि टीएमसी अभी भी विपक्षी गुट-भारत का हिस्सा है, लेकिन टीएमसी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया और राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की।
राज्य में कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच सीट-बंटवारे की व्यवस्था है, जिसके तहत वाम दल 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं वहीं शेष 12 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। 2014 के लोकसभा चुनावों में, टीएमसी ने राज्य में चुनावी जीत का बड़ा हिस्सा 34 पर ले लिया, जबकि भाजपा को सिर्फ 2 सीटों से संतोष करना पड़ा। सीपीआई (एम) और कांग्रेस ने क्रमशः 2 और 4 सीटें जीती थी।