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SEBI Rules: भ्रष्ट कर्मचारी पर नकेल कसने की तैयारी, सेबी ने नियम में किया संशोधन, छह मई से लागू, जानें क्या है...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 08, 2024 4:24 PM

SEBI Rules: सक्षम प्राधिकार कानून के तहत सेबी को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सीधे तौर पर संबंधित कर्मचारी से राशि की वसूली कर सकता है।

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ठळक मुद्देराशि कर्मचारियों के वेतन और उसे मिलने वाली अन्य रकम से ली जा सकती है।कर्मचारियों पर भी लागू होगी जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है या सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल पूरा कर लिया है।पूरी होने के बाद कर्मचारी को ग्रेच्यूटी का भुगतान किया जाएगा।

SEBI Rules: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपने कर्मचारियों की गड़बड़ी और भ्रष्ट गतिविधियों से निपटने के लिए नियम सख्त कर दिये हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इसके लिए अपने कर्मचारियों की सेवाओं को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत एक सक्षम प्राधिकार कानून के तहत सेबी को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सीधे तौर पर संबंधित कर्मचारी से राशि की वसूली कर सकता है। यह राशि कर्मचारियों के वेतन और उसे मिलने वाली अन्य रकम से ली जा सकती है।

सेबी के अनुसार, यह कदम तब उठाया जा सकता है जब किसी कर्मचारी ने कथित तौर पर अनुचित उद्देश्य के लिए या भ्रष्ट तरीके से काम किया हो या भ्रष्ट इरादे से अपनी शक्तियों का प्रयोग किया हो। बाजार नियामक ने छह मई की अपनी अधिसूचना में कहा कि नयी व्यवस्था उन कर्मचारियों पर भी लागू होगी जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है या सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल पूरा कर लिया है।

नये नियम लागू हो गये हैं। संशोधित नियम के तहत किसी कर्मचारी के खिलाफ शुरू की गई किसी भी कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान संबंधित कर्मचारी को मिलने वाली ग्रेच्यूटी को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से रोका जा सकता है। कार्यवाही पूरी होने के बाद कर्मचारी को ग्रेच्यूटी का भुगतान किया जाएगा।

बाजार नियामक सेबी ने निवेश सलाहकारों (आईए) की गतिविधियों से संबंधित जानकारी देने के लिए समय-समय पर मानकीकृत रिपोर्टिंग का बुधवार को एक प्रारूप जारी किया जिसमें सलाहकारों को अपने सोशल मीडिया खातों के बारे में भी बताने को कहा गया है। फिलहाल ‘निवेश सलाहकार प्रशासन और पर्यवेक्षण निकाय’ (आईएएएसबी) तदर्थ आधार पर निवेश सलाहकारों से जानकारी मांगता है।

इस निकाय को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश सलाहकारों के प्रशासन और पर्यवेक्षण के लिए मान्यता दी हुई है। सेबी के नए प्रारूप के तहत निवेश सलाहकारों को अपने सोशल मीडिया हैंडल, सलाहकार शुल्क लेने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बैंक खातों, एनआईएसएम प्रमाणन विवरण, सेबी या आईएएएसबी द्वारा किए गए पिछले निरीक्षण के बारे में जानकारी, आधे साल में जारी किए गए विज्ञापनों का ब्योरा देना होगा। सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि निवेश सलाहकारों को अपने खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायतों के प्रकाशन की भी जानकारी देनी होगी।

निवेश सलाहकारों को प्रत्येक वित्त वर्ष में 30 सितंबर और 31 मार्च को समाप्त होने वाली छमाही के लिए समय-समय पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। सेबी ने कहा कि निवेश सलाहकारों को 31 मार्च, 2024 को समाप्त छमाही अवधि के लिए आवधिक रिपोर्ट पर्यवेक्षी निकाय द्वारा परिपत्र जारी होने की तारीख से 15 दिन के भीतर आईएएएसबी को जमा करनी होगी। बाद की छमाही के लिए आईए को छमाही खत्म होने के सात कामकाजी दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करनी होगी।

टॅग्स :भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)शेयर बाजार
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