नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें इस आधार पर जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता कि उन्होंने मामले में अधिकतम सजा का आधा हिस्सा काट लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही खंडपीठ ने कहा कि जेम्स इन मामलों में निचली अदालत के समक्ष नियमित जमानत के उपाय को आगे बढ़ा सकते हैं। जेम्स ने सीआरपीसी की धारा 436ए के तहत जमानत मांगी थी, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति ने अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है तो उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
गौरतलब है कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने दो अलग-अलग केस दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक, 3,600 करोड़ रुपये का कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है।
क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ब्रिटेन का निवासी है। उसे दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह हिरासत में है। बीते साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने जेम्स की जमानत याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था।
वहीं, क्रिश्चियन मिशेल के वकील का कहना है कि उनके अभियुक्त के खिलाफ जांच पूरी नहीं की गई है। याचिकाकर्ता का मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत अधिकतम सजा पांच साल जेल की है और जेम्स करीब 4 साल की सजा काट चुके हैं।