चेन्नईः द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम के स्टालिन शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंग थेवर को श्रद्धांजलि देने रामनाथपुरम पहुंचे तो ट्विटर पर उनका विरोध शुरू हो गया।
गुरु पूजा के मौके पर यहां आए स्टालिन के खिलाफ ट्विटर पर हैशटैग गोबैक स्टालिन 'ट्रेंड' करने लगा। यह हैशटैग ट्विटर पर नौ घंटे से अधिक समय तक ट्रेंड करता रहा और भाजपा ने इसे लेकर द्रमुक पर तंज कसा। भाजपा ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध सोशल मीडिया पर ऐसे ही अभियान के लिए द्रमुक को जिम्मेदार ठहराया था।
वरिष्ठ भाजपा नेता एच राजा ने कहा कि स्टालिन को यह तब झेलना पड़ा है जब वह अपने गृह राज्य तमिलनाडु में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यही कर्म है। ’’ उन्होंने तिरुक्कुरल की एक उक्ति का हवाला दिया जिसका तात्पर्य है आप जैसे दूसरा के साथ करते हैं वैसे ही आपके साथ होता है।
भाजपा प्रवक्ता जी एस सूर्या ने कहा, ‘‘ द्रमुक ने अपने ही किये का फल चखा, #गोबैक स्टालिन।’’ इस हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए कई उपयोगकर्ताओं ने स्टालिन पर प्रहार किया और कुछ ने (2006-11) के द्रमुक शासन के दौरान ‘स्थायी बिजली कटौती’ जैसे आरोपों को याद किया।
अन्य सोशल मीडिया मंचों पर भी उसकी चर्चा की गयी। बाद में हैशटैग टीएनविद स्टालिन भी ट्रेंड करने लगा और कई ने द्रमुक प्रमुख को तमिलनाडु के लोगों के लिए ‘उम्मीद’ बताया। अतीत में, मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को राज्य की यात्रा के दौरान ट्विटर पर ऐसे ट्रेंड का सामना करना पड़ा था तथा कई स्थानों पर ‘गो बैक’ के नारे वाले गुब्बारे छोड़े गये थे।
स्टालिन ने रामनाथपुरम के पासुमपोन गांव का दौरा किया और उन्होंने मुथुरामलिंग थेवर की 113 वीं जयंती के मौके पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की एवं गुरु पूजा में शिरकत की। द्रमुक प्रमुख ने कहा कि उन्हें पासुमपोन गांव की यात्रा कर खुशी मिली है और उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी।