लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बंदरों द्वारा एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पाजी बंदरों ने कथिततौर पर योगी सरकार को लाखों की चपत लगा दी है। यह भेद उस समय उजागर हुआ जब अलीगढ़ की किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट रिपोर्ट सामने आयी है।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि बंदरों और बारिश के कारण चीनी मिल में 35 लाख रुपये मूल्य की 1,100 क्विंटल से अधिक चीनी कथित तौर पर बर्बाद कर दी है। इस संबंध में जिला अधिकारियों ने रिपोर्ट में गड़बड़ी का संदेह व्यक्त करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
ऑडिट के निष्कर्षों के अनुसार मिल के रिकॉर्ड में दर्ज 1,137 क्विंटल चीनी को बंदरों और बारिश के कारण बर्बाद हुआ बताया गया है। अनुमान लगाया गया है कि बर्बाद हुई चीनी का मूल्य लगभग 35.2 लाख रुपये है।
ऑडिट रिपोर्ट में इस मामले के लिए चीनी मिल के कई अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिनमें प्रधान प्रबंधक राहुल यादव, मुख्य खाता अधिकारी ओमप्रकाश, प्रबंधक रसायनज्ञ एमके शर्मा, लेखाकार महिपाल सिंह, सुरक्षा अधिकारी प्रभारी दलवीर सिंह और गोदाम कीपर गुलाब सिंह शामिल हैं।
रिपोर्ट गन्ना आयुक्त एवं चीनी मिल एसोसिएशन लखनऊ के उपनिदेशक को भेज दी गई है। मुख्य रसायनज्ञ एमके शर्मा ने कहा, “चीनी मिल का संचालन बंद हुए दो साल हो गए थे। मिल में कर्मचारियों की संख्या अपर्याप्त थी और बर्बाद हुई चीनी के रखरखाव के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है।''
जानकारी के अनुसार अलीगढ़ में चीनी मिल में बंदरों और बारिश के कारण बर्बाद हुई चीनी के मामले में विभाग अब सख्त हुआ है और उसने 35 लाख रुपये मूल्य की बर्बाद हुई 1,100 क्विंटल चीनी के मामले में मिल अधिकारियों को जवाबदेही को लेकर सवाल खड़ा किया। बताया जा रहा है कि प्रशासन जल्द इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एक्शन ले सकता है।