अयोध्या: भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बीते गुरुवार को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल विवाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमकर आलोचना की और कहा कि मालीवाल पर हुए 'हमले' के मामले में जिस तरह से उन्हें 'खामोश' करने और 'सबूत' मिटाने के प्रयास किए गए हैं, उससे उनका 'चरित्र' अब सामने आ गया है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि इस घटना ने आप की संस्कृति और उसके डीएनए को उजागर कर दिया है। इस कारण से दिल्लीवासी लगातार 'आप' सरकार को हटाने की अपील कर रहे हैं।
एएनआई के हवाले से तेजस्वी सूर्या ने कहा, ''इस घटना के बाद केजरीवाल का चरित्र और आप की राजनीतिक संस्कृति सामने आ गई। मैं दिल्ली के लोगों से यह भी कहना चाहता हूं कि अगर महिलाएं सुरक्षित माहौल चाहती हैं तो उन्हें जल्द से जल्द आप सरकार को हटाना चाहिए।'
उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल और आप अर्बन नक्सल गिरोह का हिस्सा हैं। उनकी पार्टी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। जिस तरह से स्वाति मालीवाल को चुप कराने, सबूत मिटाने की कोशिश की जा रही है और एक सांसद पर अत्याचार किया गया है। वह आप की संस्कृति को दर्शाता है। इस प्रकरण से अरविंद केजरीवाल का चरित्र, राजनीतिक संस्कृति और आप का डीएनए उजागर हो गया है।"
भाजपा सांसद के इन आरोपों के इतर समाचार एजेंसी एएनआई को दिये एक इंटरव्यू में स्वाति मालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार आम आदमी पार्टी के भीतर एक बहुत "प्रभावशाली और शक्तिशाली व्यक्ति" हैं।
मालीवाल ने दावा किया कि घटना के दौरान अरविंद केजरीवाल अपने आवास पर मौजूद थे, जब बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। यह बयान केजरीवाल के बुधवार के दावे का खंडन करता है कि वह कथित हमले के स्थान पर "मौजूद नहीं थे।
विभव कुमार को दिल्ली के मुख्यमंत्री का "राजदार" कहते हुए स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के निजी सहयोगी "साधारण निजी सहायक" नहीं हैं और इस कारण से पूरी पार्टी उनसे "डरती" है।
इस बीच कथित हमले के मामले पर अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि घटना के दो संस्करण हैं और पुलिस को दोनों की उचित जांच करनी चाहिए।
स्वाति मालीवाल की शिकायत के बाद केजरीवाल के सहयोगी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। 18 मई को देर रात की सुनवाई के बाद दिल्ली की एक अदालत ने विभव कुमार को पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया था।