Pune Porsche Crash: पुणे में एक नाबालिग लड़के के पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने की घटना पर रोष के बीच, यहां पुलिस अपने ही अधिकारियों के आचरण की जांच कर रही है जिन्होंने 15 वर्षीय किशोर को कथित तौर पर ऐसे ही मामले में छोड़ दिया था। पिछले साल अक्टूबर में किशोर से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ मामले में दो लोगों की मौत हो गई थी। एक अन्य सड़क हादसे में मार्च में वही किशोर कथित तौर पर एक अन्य दुर्घटना में शामिल था जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पुणे की घटना के दो दिन बाद किशोर को 21 मई को पकड़ा गया और बृहस्पतिवार को विभागीय जांच के आदेश दिए गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में हुई पहली घटना में, किशोर ने यहां के बर्रा इलाके में अपनी तेज रफ्तार कार से दो लोगों को कथित तौर पर कुचल दिया था।
उन्होंने कहा कि इस साल मार्च में किशोर इसी तरह की घटना में शामिल था जब समय से कार्रवाई नहीं की गई थी। मार्च में यहां के नवाबगंज इलाके में चार लोग घायल हो गए थे, जब किशोर कथित तौर पर अपनी कार लापरवाही से चला रहा था। जब यह पता चला कि किशोर पहले भी इसी तरह की घटना में शामिल था।
तो शीर्ष अधिकारी हरकत में आए जिसके बाद आखिरकार 21 मई को उसे पकड़ लिया गया और बाल सुधार गृह भेज दिया गया। अपर पुलिस आयुक्त (कानून- व्यवस्था) हरीश चंद्र ने संवाददाताओं को बताया कि किशोर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने और कार्रवाई करने में देरी करने वाले पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच के लिए एक विभागीय जांच शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को किशोर के डॉक्टर पिता की भूमिका की जांच करने के लिए कहा गया है, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में हुई पहली घटना के बाद भी लड़के को गाड़ी चलाने की अनुमति दी थी। एसीपी ने कहा कि अगर यह पाया गया कि लड़के के पिता ने अपने बेटे को लापरवाही से गाड़ी चलाने की इजाजत दी, जिससे दो लोगों की जान चली गई, तो उसके पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। पुणे में एक नाबालिग लड़के से जुड़ी ‘हिट-एंड-रन’ घटना सुर्खियों में है। पॉर्श कार चला रहे लड़के ने चार लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें से दो की मौत हो गई।