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मानसिक स्वास्थ्य के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज ने किया सहयोग

By अनुभा जैन | Published: August 12, 2023 3:34 PM

निम्हांस के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉक्टर जी राधाकृष्णन और सहायक प्रोफेसर डॉक्टर बालामुरुगन सत्र के मुख्य वक्ता थे।

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बैंगलोर: डॉक्टर जी राधाकृष्णन, अतिरिक्त प्रोफेसर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइकिएंजे (निम्हांस) ने 11 अगस्त को हाउस ऑफ फ्रेंडशिप, लावेल रोड, बैंगलोर में रोटरी डिस्टिरिक्ट 3191 और निम्हांस व एमसीकेएस फूड फॉर हंगरी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित मनोवैज्ञानिक कल्याण कार्यक्रम “मनोदर्पण“ में लोगों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा, "खराब पारिवारिक पृष्ठभूमि, महामारी के दौरान माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य को खोना, अकेलापन, स्कूल या कॉलेज में समर्थन की कमी, सम्मान के मुद्दे, शारीरिक, यौन या ऑनलाइन उत्तेजना के मुद्दे, चिंता, अवसाद और कम आत्म-सम्मान के कुछ प्रमुख कारण हैं। 

निम्हांस के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉक्टर जी राधाकृष्णन और सहायक प्रोफेसर डॉक्टर बालामुरुगन सत्र के मुख्य वक्ता थे। सत्र का उद्देश्य चिंता, भय, अवसाद, नकारात्मक भावनाएं और अन्य महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य और इस तरह की समस्याओं से पीड़ित लोगों के बारे में स्कूल और कॉलेज को जागरूक कर समाज में जागरूकता बढ़ाना था।

रोटरी डिस्टिरिक्ट डायरेक्टर मैंटल वैलनेस रघु अल्लम ने कहा कि यूनिसेफ एंड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा यह पाया गया है कि 12-16 वर्ष की आयु के बच्चे इससे प्रभावित होते हैं और 24 वर्ष तक की आयु तक आते आते इससे गंभीर रूप से प्रभावित हो कई बार आत्महत्या का शिकार भी बनते हैं। भारत में, छात्र आत्महत्या दर प्रति वर्ष 13000 से अधिक हैं।

ज्ञातव्य रहे कि निम्हांस की मदद से रोटरी का उद्देश्य 100 से अधिक विद्यालयों के शिक्षकों को जागरूक कर समाज की मदद करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम में शामिल हुए, रोटरी डिस्टिरिक्ट गवर्नर उदय कुमार भास्करा, रोटरी डिस्टिरिक्ट डायरेक्टर मैंटल वैलनेस रघु अल्लम, रोटरी डाउनटाउन प्रेसिडेंट उषा सेल्वराज, विभिन्न क्षेत्रों से अतिथि, पत्रकार अनुभा जैन के साथ विभिन्न क्लबों के रोटेरियन्स ने भाग लिया।

एमसीकेएस फूड फॉर द हैंग्री फाउंडेशन कर्नाटका (एमसीकेएसएफएफएचकेए) ने छात्रों में मानसिक कल्याण के बारे में जागरूकता लाने के लिए रोटरी से हाथ मिलाया है।

यह फाउंडेशन मास्टर चोआ कोक सुई के प्राणिक हीलिंग में निर्धारित सिद्धांतों के जरिये, रोटरी और निम्हांस के सहयोग से बच्चों के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करके भविष्य को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्व है।

टॅग्स :National Institute of Mental Health and Neurological SciencesMental Health
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