ब्लॉग: बढ़ती मानसिक समस्याओं के लिए आधुनिक जीवनशैली जिम्मेदार

By योगेश कुमार गोयल | Published: October 10, 2023 03:32 PM2023-10-10T15:32:59+5:302023-10-10T15:42:54+5:30

मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक होते हैं, जिनमें से किसी एक में होने वाली समस्या का प्रभाव दूसरे की सेहत को भी प्रभावित करता है।

Blog: Modern lifestyle responsible for increasing mental problems | ब्लॉग: बढ़ती मानसिक समस्याओं के लिए आधुनिक जीवनशैली जिम्मेदार

फाइल फोटो

Highlightsशरीर को तभी सेहतमंद रखा जा सकता है, जब हम मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हों मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित किशोर उम्र के बच्चों का वैश्विक रोग भार करीब 16 फीसदी हैमानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता के लिए प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाते हैं

मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक होते हैं, जिनमें से किसी एक में होने वाली समस्या का प्रभाव दूसरे की सेहत को भी प्रभावित करता है। चिंता हमें तनाव देती है और यदि यही तनाव लंबे समय तक बना रहे तो यह अवसाद में तब्दील हो सकता है।

शरीर को सेहतमंद और फिट तभी रखा जा सकता है, जब हम मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हों। विश्व में प्रत्येक 4 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति जीवन के किसी न किसी मोड़ पर मानसिक विकार अथवा तंत्रिका संबंधी विकारों से प्रभावित होता है और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित 10-19 वर्ष की उम्र के बच्चों की वैश्विक रोग भार में करीब 16 फीसदी की हिस्सेदारी है।

दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, सामाजिक कलंक की भावना को दूर करने तथा मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने और लोगों के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को यथार्थवादी बनाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है।

विश्व में बहुत सारे लोग मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन के कारण सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टीरिया, एंग्जाइटी, आत्महीनता जैसी विभिन्न परेशानियों तथा मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। इन्हीं परेशानियों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने तथा लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है ताकि लोग मानसिक परेशानियों और बीमारियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते अपना इलाज करवा सकें।

दुनियाभर में मानसिक बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि और पीड़ित लोगों द्वारा खुद को नुकसान पहुंचाने के मामलों में बढ़ोत्तरी के बाद विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1992 में की गई थी और इस दिन को पहली बार वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ) तथा संयुक्त राष्ट्र के उप-महासचिव रिचर्ड हंटर की पहल पर मनाया गया था। तभी से प्रतिवर्ष यह दिन एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है।

इस वर्ष की थीम ‘मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार’ है। बहरहाल, यदि हम अपनी दिनचर्या में कुछ बातों पर ध्यान दें तो मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ इसके कारण होने वाली कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है।

दिनचर्या में योग-व्यायाम को शामिल करके मानसिक और शारीरिक सेहत को बेहतर रखा जा सकता है। व्यायाम आपके तनाव को दूर करने, मूड को बेहतर रखने, चीजों को बेहतर ढंग से करने व अच्छी नींद पाने में मदद करता है।

Web Title: Blog: Modern lifestyle responsible for increasing mental problems

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