रायबरेली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह सवाल किए जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषणों में "अंबानी-अडानी" मुद्दे को उठाना क्यों बंद कर दिया है, पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके भाई राहुल गांधी पहले की तरह रोजाना "अंबानी-अडानी" मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार प्रियंका गांधी ने गुरुवार को रायबरेली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राहुल गांधी अडानी का नाम नहीं ले रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि राहुल गांधी हर दिन अडानी के बारे में बात करते हैं और अब तो ऐसा लगता है कि पीएम मोदी भी मजबूरी में उनका नाम ले रहे हैं।"
प्रियंका ने पीएम मोदी के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा को '400 सीटें' इसलिए चाहिए ताकि कांग्रेस अयोध्या में राम मंदिर पर बाबरी ताला नहीं लगा सके। गांधी ने कहा, "यह सरासर झूठ है। कांग्रेस ने बार-बार कहा है कि हर कोई सुप्रीम के फैसले का सम्मान करेगा। हमने यही किया है और आगे भी ऐसा करते रहेंगे।”
कांग्रेस नेता ने बीजेपी और एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवेसी पर तीखा हमला करते हुए कहा, "असदुद्दीन औवेसी सीधे तौर पर बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जहां भी बीजेपी को दूसरी पार्टियों को पीछे धकेलने के लिए खड़ी होते हैं, वो उन सीटों पर मौजूद होते हैं। तेलंगाना चुनाव में यह बिल्कुल साफ हो गया है।"
इससे पहले बुधवार को तेलंगाना के करीमपुर में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि वर्षों तक कांग्रेस के 'शहजादे 5 उद्योगपतियों की बात करते थे लेकिन बाद में वो केवल "अंबानी और अडानी" की बात करते थे लेकिन अब वो उस पर भी चुप हैं।
उन्होंने कहा, ''पांच साल तक कांग्रेस के शहजादा एक ही बात दोहराते रहे लेकिन जब राफेल मुद्दा फीका पड़ गया तो उन्होंने पांच उद्योगपतियों, खासकर अंबानी और अडानी को निशाना बनाना शुरू कर दिया।''
पीएम मोदी ने आगे कहा, "हालांकि, एक बार चुनावों की घोषणा होने के बाद उन्होंने उन पर हमला करना बंद कर दिया। आज मैं तेलंगाना की जनता से पूछता हूं कि उन्होंने अंबानी और अडानी से कितना पैसा लिया? रातोंरात क्या बदल गया? जरूर दाल में कुछ काला है। आपने पांच साल तक उनका दुरुपयोग किया और फिर वो मामला रात में बंद हो गया?"
उन्होंने कहा, "शहजादे ने अचानक इस चुनाव में अंबानी और अडानी की बात करना क्यों बंद कर दिया? लोगों को इससे गुप्त समझौते की गंध आ रही है।"