Excise Policy Case: जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किले बढ़ गई है। गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद भी केजरीवाल को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। सूचना मिली है कि प्रवर्तन निदेशालय शुक्रवार, 10 मई को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर कर सकता है। इस चार्जशीट में केजरीवाल को किंगपिन के रूप में दिखाया जाने की तैयारी है क्योंकि ईडी ने अपनी जांच में केजरीवाल को मुख्य आरोपी पाया है।
दरअसल, दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। तब से लेकर आज तक केजरीवाल जेल में बंद हैं। आप नेता के जेल में बंद होने से उनकी पार्टी शुरुआत से विरोध जता रही है और बीजेपी की केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है।
इस बीच, आज आई खबरों के मुताबिक, ईडी कल केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर सकती है और साथ ही इस मामले में बीआरएस नेता के कविता के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल कर सकती है, जिन्हें ईडी ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था।
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में 60 दिनों के भीतर ईडी को आरोप पत्र दाखिल करना होता है। 15 मार्च को कविता की गिरफ्तारी के कारण ईडी को 15 मई तक पूरक आरोपपत्र दाखिल करना होगा। इस आरोपपत्र में अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाए जाने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी की इसी चार्जशीट में आम आदमी पार्टी (आप) भी शामिल हो सकती है।
गौरतलब है कि इस मामले में केजरीवाल को आरोपी बनाए जाने का यह पहला मामला होगा। जांच एजेंसी ने दावा किया कि उसने केजरीवाल से जुड़े मनी ट्रेल का पता लगाया है। दिलचस्प बात यह है कि ईडी की कार्रवाई का समय शराब नीति मामले में केजरीवाल की अंतरिम जमानत के संबंध में शुक्रवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के साथ मेल खाता है।
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाला
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
यह मामला जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को प्रस्तुत एक रिपोर्ट से उत्पन्न हुआ, जिसमें नीति के विकास में कथित प्रक्रियात्मक कमियों को उजागर किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आप नेता मनीष सिसौदिया द्वारा उत्पाद शुल्क मंत्री के रूप में लिए गए "मनमाने और एकतरफा फैसलों" के परिणामस्वरूप "राजकोष को 580 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय नुकसान" हुआ।
उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ, जिसके बदले में उन्होंने आम आदमी पार्टी को रिश्वत दी।
शराब नीति घोटाले मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले से ही जेल में बंद हैं और अब केजरीवाल भी सलाखों के पीछे हैं।