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ब्लॉग: धूम्रपान रोकने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण जरूरी

By रमेश ठाकुर | Published: May 31, 2023 3:24 PM

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धूम्रपान रोकने के लिए बीते कुछ वर्षों से केंद्र सरकार व राज्य सरकारों की ओर से युद्वस्तर पर जन-जागरूकता फैलाई गई है. सिनेमाघरों में भी फिल्में दिखाने के पूर्व धूम्रपान से होने वाले नुकसान को दिखाया जाता है. दुकानों पर बिकने वाले प्रत्येक नशीले पदार्थ पर डरावनी तस्वीरों के साथ चेतावनियां लिखी होती हैं. इसके बावजूद चिंता की बात यह है कि धूम्रपान करने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है. खासकर युवा वर्ग को यह लत बर्बाद कर रही है. 

पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है. पंजाब पाकिस्तान का बॉर्डर राज्य है, जहां पड़ोसी देश की तरफ से चोरी-छिपे ड्रोन के जरिये मादक पदार्श की खेपें आती ही रहती हैं. हालांकि उसे रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर लगातार धड़-पकड़ जारी है, लेकिन ड्रग्स तस्कर अपने मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब हो रहे हैं. केंद्र सरकार ने विगत पांच महीनों में पंजाब सरकार से इस मसले को लेकर तीन बार रिपोर्ट भी तलब करवाई है.

डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते एक दशक में धूम्रपान करने वालों में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या है जिनकी उम्र महज 15 से 18 वर्ष के बीच है.  देश के भविष्य का इस तरह नशे की चपेट में आना निश्चित रूप से चिंताजनक है. लेकिन धूम्रपान के विरुद्व लड़ाई को सिर्फ हुकूमतें ही अपने बूते नहीं लड़ सकतीं, समाज को भी उनके साथ कदमताल करना होगा. इस लड़ाई की शुरुआत हमें सबसे पहले अपने घर से करनी होगी, अपने बच्चों पर नजर रखने के साथ-साथ पड़ोसियों पर भी निगरानी रखनी होगी.

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