अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले उत्तरी इराक के किरकुक के सुदूर प्रांत में गुरुवार की रात को रॉकेट से हमला किया गया। समाचार एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक, इराकी सेना ने जानकारी दी कि हमले वाली जगह पर अमेरिका के साथ-साथ इराकी संघीय पुलिस बल की भी तैनाती है।
इससे पहले भी अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले इराकी ठिकानों में रॉकेट से हमले किए जा चुके हैं, जिनमें बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास भी शामिल है। इराक में पिछले अक्टूबर से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर करीब 20 रॉकेट गिराए जा चुके हैं। ताजा हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। एएफपी के खबर के मुताबिक, यह हमला स्थानीय समय के मुताबिक रात के करीब 8 बजकर 45 मिनट पर के वन नामक बेस पर हुआ जोकि एक खुली जगह पर है।
कहा जा रहा है कि सुरक्षाबलों को वह लॉन्च पैड मिला है जिससे रॉकेट दागा गया, जिसके अंदर अब भी 11 रॉकेट हैं लेकिन हमलावर भागने में सफल रहे।
एक इराकी सुरक्षा सूत्र ने एएफपी को बताया कि लॉन्च पैड बेस से लगभग पांच किलोमीटर (तीन मील) दूर, एक बहु-जातीय क्षेत्र में पाया गया।
27 दिसंबर के बाद के वन ठिकाने पर यह पहला हमला था। दिसंबर में वहां करीब 30 रॉकेट बरसाए गए थे, जिसमें एक अमेरिकी ठेकेदार की हत्या हो गई थी।
तब वॉशिंगटन की जबावी कार्रवाई में ईरान के करीबी इराकी सैन्य गुट कातब हिजबुल्लाह 25 लड़ाके मारे गए थे। इसके बाद समूह के समर्थकों ने तब बगदाद में अमेरिकी दूतावास को घेर लिया था और बाहरी हिस्से को नुकसान पहुंचाया था।
उसके कुछ ही दिनों बाद अमेरिका ने बगदाद हवाई अड्डे पर ड्रोन हमला कर ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी और उसके बेहद करीबी और कातब हिजबुल्लाह के सह-संस्थापक अबू महदी अल-मुहांदिस को मार गिराया था। ईरान कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने की घोषणा की थी।
तब से अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष थमा नहीं है। दुनिया के कई देश दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों में लगे हैं।