नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हो रही रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कथित बयानों 'आतंकवादियों को मारने के लिए सीमा पार करने पर' पर अमेरिका ने परहेज करने की सलाह दी है। जब ये सवाल हाल में मीडिया ने बिडेन प्रशासन से पूछा तो जवाब में कहा कि अमेरिका इस मामले में खुद को शामिल नहीं करेगा। लेकिन भारत और पाकिस्तान को किसी भी तरह के तनाव से बचने और बातचीत से समाधान निकालना चाहिए।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में भारत द्वारा आतंकवादियों को खत्म करने के लिए अन्य देशों में कथित अभियानों पर सवालों का जवाब दे रहे थे।
फिर, यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और सिंह की टिप्पणियों को कनाडा में (खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह) निज्जर की कथित हत्या, (नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह) पन्नू की न्यूयॉर्क में हत्या की साजिश और पाकिस्तान में हुई हत्याओं पर "इकबालिया बयान" के रूप में देखा जा सकता है। प्रवक्ता मिलर ने कहा कि अमेरिका इस मामले में शामिल नहीं होगा।
दूसरी ओर अमेरिका विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका इस मामले में नहीं जा रहा है और हम भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की ऊहापोह का समर्थन नहीं करते। इसकी जगह दोनों देशों को बैठ कर बात करनी चाहिए, जिससे हल निकल सके।
हालांकि प्रवक्ता मिलर ने भारत पर किसी भी तरह के प्रतिबंध लगाने से इनकार किया और इस मुद्दे पर खुले में कुछ भी कहना गलत होगा। राजनाथ सिंह ने मार्च, 2024 में कहा था कि अगर किसी भी तरह की हरकत सीमा पार से हुई तो जरूरत पड़ी तो भारतीय सैनिक सीमा पार करने से भी नहीं चुकेंगे।