खरगोन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खरगोन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला किया। पीएम मोदी ने मतदाताओं से सीधे कहा कि अब यह तय करने का समय आ गया है कि देश में 'वोट जिहाद चलेगा या फिर राम राज्य।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीएम मोदी ने बीते मंगलवार को एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "भारत इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, यहां आपको तय करना होगा कि देश 'वोट जिहाद' चलेगा या फिर राम राज्य से।"
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में आतंकवादी भारत के खिलाफ जिहाद की धमकी दे रहे हैं और यहां पर कांग्रेस के लोगों ने भी मोदी के खिलाफ 'वोट जिहाद' की घोषणा की है, जिसका मतलब है कि एक विशेष धर्म के लोगों को मोदी के खिलाफ एकजुट होकर वोट करने के लिए कहा जा रहा है। कल्पना कीजिए कि कांग्रेस किस स्तर तक गिर गई है। क्या आप वोट जिहाद से सहमत हैं? क्या लोकतंत्र में ऐसा किया जा सकता है? क्या हमारा संविधान इस तरह के 'जिहाद' की इजाजत देता है?"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी की नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम द्वारा मुसलमानों से भाजपा को हराने के लिए 'वोट जिहाद' की अपील के बाद आयी है। आलम की वोट जिहाद की टिप्पणी ने बड़ा सियासी विवाद खड़ा कर दिया था और भाजपा नेताओं ने सपा नेता के बयान के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया पर बेहद तीखा हमला किया था।
आलम ने बीते 30 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद निर्वाचन क्षेत्र में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के लिए वोट मांगते समय वोट जिहाद की टिप्पणी की थी। हालांकि प्रतिपक्ष के विरोध के बाद मारिया आलम के खिलाफ उस भाषण के लिए केस दर्ज किया गया था। केस के एफआईआर के अनुसार मारिया आलम खान ने कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय को "वोट जिहाद" करने के लिए कहा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीते मंगलवार को महाराष्ट्र के बीड में जनसभा को संबोधित करते हुए कर्नाटक में आरक्षण विवाद को लेकर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया पर जबरदस्त हमला बोला। इसके साथ उन्होंने आरक्षण पर टिप्पणी को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भी जमकर आलोचना की।
पीएम मोदी ने कहा, "कर्नाटक में जहां ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण था, कांग्रेस सरकार ने एक 'फतवा' लाया, रातोंरात एक आदेश जारी करके कर्नाटक के सभी मुसलमानों को ओबीसी घोषित कर दिया। बीआर अंबेडकर, संविधान, संसद ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था लेकिन कांग्रेस ने मुसलमानों को ओबीसी की श्रेणी में रखकर रातों-रात ओबीसी के लिए जो कुछ था, उसे लूट लिया। अब वे पूरे देश में यही काम करना चाहते हैं।''
उन्होंने लालू यादव पर हमला करते हुए कहा, "आज इंडिया गठबंधन के एक नेता ने खुद ही उनकी साजिश को स्वीकार कर लिया है। यह वही हैं, जिन्हें 'चारा घोटाले' में अदालत ने दोषी ठहराया था। इंडिया गठबंधन के नेता ने स्वीकार किया है कि 'ये लोग मुसलमानों को पूरा का पूरा आरक्षण देना चाहते हैं'। इसका मतलब है कि वे एससी, एसटी और ओबीसी को दिया गया पूरा आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं, यह आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों के लिए खतरे का संकेत है।"
मालूम हो कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने आरक्षण में मुस्लिम आरक्षण की मांग की थी। उन्होंने कहा, ''मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए।'' हालांकि बाद में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि आरक्षण सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया जाता है, धर्म के आधार पर नहीं।
उन्होंने कहा, "मैंने इस देश में 'मंडल आयोग' लागू किया था। आरक्षण सामाजिक आधार पर होता है, धार्मिक आधार पर नहीं होता है। अटल बिहारी वाजपेयी ने संविधान समीक्षा आयोग का गठन किया था।"