अमेरिका और अफगानिस्तान के तालिबान के बीच कतर में शांति समझौते पर दस्तख्त हुए. इस समझौते के मुताबिक, अमेरिका 14 महीनों में अफगानिस्तान से अपने सैनिक वापस बुलाएगा. साथ ही समझौते में शामिल अन्य शर्तें भी 135 दिन में पूरी की जाएंगी. भारत समेत दुनिया के 30 देशों के राजदूत गवाह बने. अमेरिका- तालिबान शांति समझौते पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद और अफगानिस्तान में तालिबान के वार्ताकार मुल्ला बिरादर ने हस्ताक्षर किया. इस वार्ता में अमेरिकी बल को 8,600 तक की संख्या तक लाने की बात है. तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर राज किया था. 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने 2001 में तालिबान के खिलाफ लड़ाई के लिए अपने सैनिक अफगानिस्तान भेजे. अल जजीरा की रिपोर्ट की माने तो अफगानिस्तान में युद्धविराम के लिए तालिबान ने समझौते में अपने 5 हजार लोगों की जेल से रिहाई की मांग की है. तालिबान के लिए वापसी की संभावना को बल देते हुए अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान को छोड़ने की तैयारी के बीच युद्धग्रस्त देश की महिलाएं शांति कायम करने की तलाश में काफी मुश्किल से हासिल की गई अपनी आजादी को खोने को लेकर घबराई हुई हैं.