पुडुचेरी में वी नारायणस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई है। विधानसभा में सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर सकी। स्पीकर वी. पी. शिवकोलुंधु ने इसका ऐलान किया। विश्वासमत में हार के बाद तत्काल बाद वी. नारायणस्वामी और सत्तारूढ़ कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों ने उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बता दें कि पिछले डेढ़ महीने में सरकार के छह विधायक अपने पद से इस्तीफा दे चुके थे। इसमें से दो ने रविवार को अपना इस्तीफा दिया था।
बदले राजनीतिक हालात के बीच पुडुचेरी की नवनियुक्त उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। बहुमत खोने के बाद नारायणस्वामी ने अपने समर्थक विधायकों के साथ विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा की मौजूदा स्थिति के अनुसार कांग्रेस के समर्थन में उनके 9 विधायकों के अलावा 2 डीएमके और एक निर्दलीय विधायक हैं। स्पीकर को मिलाकर ये संख्या 12 की हो जाती है। बहुमत के लिए जबकि 14 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।
इससे पहले विधानसभा में नारायणस्वामी ने पूर्व एलजी किरणा बेदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केन्द्र सरकार विपक्षियों के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश करते रहे। हमारे विधायकों की एकजुटता की वजह से हम पिछले 5 साल से सरकार चलाने में कामयाब रहे। केन्द्र ने हमारी ओर से अनुरोध के बावजूद फंड ना देकर पुडुचेरी की जनता को धोखा देने का काम किया है।'
नारायणस्वामी ने साथ ही कहा, 'हमने निर्दलीय और डीएमके के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसके बाद हमने कई चुनाव लड़े। हमें सभी उप-चुनाव में जीत मिली। इससे साफ है कि पुडुचेरी के लोग हम पर भरोसा करते हैं।'
हिंदी भाषा को लेकर बीजेपी पर निशाना
विधानसभा में नारायणस्वामी ने बीजेपी पर हिंदी थोपने की कोशिश का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु और पुडुचेरी में हम दो भाषा के सिस्टम का पालन करते हैं लेकिन बीजेपी हिंदी को लागू करने के लिए जबरन कोशिश कर रही है।'
नारायणस्वामी ने कहा विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले विधायक अब लोगों का सामना नहीं कर पाएंगे क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी कहेंगे।