इस समय पूरे देश में लॉकडाउन है और लोगों को घर से निकलने की मनाही है। लेकिन तालाबंदी के दौरान मध्य प्रदेश के कुछ परिवारों को घर में बंद कर ताला लगाना पड़ा। क्योंकि वह लॉकडाउन के नियमों का उल्लघंन कर रहे थे। एमपी के अधिकारियों के अनुसार भोपाल से 344 किलोमीटर छतरपुर जिले के दो जगहों खजुराहो और राजनगर में कदम उठाए गए। जिला प्रशासन ने 47 परिवारों को उनके घरों के अंदर बंद कर दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस बात पर छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने ओलोचना करते हुए कहा प्रशासन का निर्णय अमानवीय है। प्रशासन ने लोगों में जागरूकता पैदा करने के बजाय आतंक फैला रहे हैं। इस तरह के कठोर कदम उठाने से पहले जनप्रतिनिधियों के बारे में सोचना चाहिए।
इलाके के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), स्वामनिल वानखेड़े ने कहा कि कुछ परिवार निर्देशों का पालन करने में प्रशासन की मदद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल उन व्यक्तियों के लिए उठाया गया था जो 30 मार्च के बाद जिले से बाहर चले गए थे और ग्वालियर, भोपाल, कानपुर, इलाहाबाद, दिल्ली और अन्य स्थानों के अस्पतालों में अपना इलाज करवाकर वापस आ गए थे। हमने पहले कोई ताला नहीं लगाया था, लेकिन हमने देखा कि पिछले दो दिनों में उनमें से कई बाहर घूम रहे हैं। नियमों का पालन करने पर उनके लिए ये कड़े कदम उठाए गए हैं।
वानखेड़े ने कहा, उन्हें तालाबंद करने के साथ-साथ हमने उन्हें आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए फोन नंबर दिए हैं। हमने उन्हें जरूरत पड़ने पर 'आपातकालीन फोन नंबर' भी प्रदान किए हैं। पटवारी संबंधित और नगर परिषद के कर्मचारी हर दिन सुबह और शाम इन घरों में जाते हैं। उनकी जरूरतों का ख्याल रखा जा रहा है।
छतरपुर के जिला कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने कहा यदि वे प्रशासन के साथ सहयोग करने और अपने घरों में रहने की अवधि के दौरान तैयार हैं तो हम ताले को हटा देंगे।