लाइव न्यूज़ :

तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा सकता है रूस, मई में होने वाले एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 21, 2024 4:53 PM

तालिबान के साथ सहयोग से रूस को भी लाभ होता है। इसका लक्ष्य खुद को क्षेत्र के सुरक्षा प्रदाता के रूप में पेश करना है। क्षेत्र की स्थिरता, मादक पदार्थों की तस्करी और इस्लामी आतंकवाद के खतरों के बारे में भी चिंताएं है, खासकर मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल पर हाल में आईएसआईएस-के हमले के बाद।

Open in App
ठळक मुद्देरूस तालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने पर विचार कर रहा हैअभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया हैमई में रूस के कजान शहर में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के लिए तालिबान को निमंत्रण

नई दिल्ली: रूसतालिबान को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन उनके बढ़ते सौहार्दपूर्ण संबंधों का एक संकेत मई में रूस के कजान शहर में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के लिए तालिबान का निमंत्रण है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पहले भी तालिबान के साथ चर्चा शुरू की है, और जब संगठन ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण किया तो रूस एक राजनयिक को मान्यता देने वाले कुछ देशों में से एक था। 

द कन्वरसेशन पर नॉर्थम्ब्रिया विश्वविद्यालय, न्यू कैसल में सामाजिक विज्ञान में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च फेलो इंटिगाम मामेदोव ने अपने लेख में ये जानकारी साझा की है। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान के राजनीतिक एवं आर्थिक संकट और यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों का मतलब है कि दोनों पक्षों को मजबूत रिश्ते से कुछ हासिल करना होगा। वर्ष 1999 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव 1267 को अपनाया था। 

कुछ महीने बाद, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने और तालिबान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने संबंधी एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए। रूस के उच्चतम न्यायालय ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए कहा कि इसने चेचन्या में अवैध सशस्त्र बलों के साथ संबंध बनाए रखे और उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान तथा किर्गिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश की। 

रूस ने खुद को एक शांति दूत के रूप में पेश करने प्रयास के रूप में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत के लिए 2017 में एक क्षेत्रीय पहल शुरू की। इन वार्ताओं का उद्देश्य अफगानिस्तान संकट का समाधान निकालना था। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। तालिबान चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध वापस लिए जाएं और जब्त की गई संपत्तियों को मुक्त किया जाए ताकि देश के आर्थिक विकास में मदद मिल सके। 

यदि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध वापस ले लिए जाते हैं, तो अफगानिस्तान को महत्वपूर्ण लापीस-लाजुली व्यापार गलियारे के विकास से आर्थिक रूप से लाभ होना चाहिए जो अफगानिस्तान को इस्तांबुल और यूरोप और उज्बेकिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान रेलवे लाइन से जोड़ता है। रूस द्वारा तालिबान को अपनी आतंकवाद सूची से हटाना वर्तमान अफगानिस्तान सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता की दिशा में पहला कदम होगा। 

तालिबान के साथ सहयोग से रूस को भी लाभ होता है। इसका लक्ष्य खुद को क्षेत्र के सुरक्षा प्रदाता के रूप में पेश करना है। क्षेत्र की स्थिरता, मादक पदार्थों की तस्करी और इस्लामी आतंकवाद के खतरों के बारे में भी चिंताएं है, खासकर मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल पर हाल में आईएसआईएस-के हमले के बाद। क्षेत्र में अपनी भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक मौजूदगी बढ़ाने के लिए, रूस पहले से बनाए गए गठबंधनों का इस्तेमाल कर सकता है। तालिबान और रूस के बीच बढ़ते सहयोग का रूस और पश्चिम के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में निहितार्थ है। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से, रूस ने अन्य देशों को अपने इस रणनीतिक दृष्टिकोण को समझाने का प्रयास किया है कि युद्ध क्यों हो रहा है। (

(इनपुट- भाषा)

टॅग्स :तालिबानरूसअफगानिस्तानआतंकवादी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndian Air Force convoy attack: हजारों सैनिक और लड़ाकू हेलीकॉप्टर की मदद, घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज, सूचना दो और 20 लाख इनाम लो!

क्राइम अलर्टJammu Kashmir News: 10 लाख का इनामी आतंकी बासित डार तीन साथियों के साथ ढेर, सुरक्षा बलों पर हमलों सहित 18 से अधिक मामलों में शामिल

विश्वVladimir Putin Takes Oath: पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति के रूप में पांचवां कार्यकाल शुरू किया, 2030 तक सत्ता में बने रहेंगे, देखें वीडियो

भारतसेना ने पुंछ हमले के संदिग्धों के स्केच जारी किए, 20 लाख का इनाम रखा, तलाशी अभियान जारी

क्राइम अलर्टAhmedabad Over Bomb Threat: छह स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, दिल्ली के बाद अहमदाबाद में दहशत फैलाने की कोशिश!, आखिर क्या है मकसद

विश्व अधिक खबरें

विश्वअवसाद की दवा का दुष्प्रभाव, 'अंदर से जल गई' न्यूज़ीलैंड की महिला, अपनी आपबीती साझा की

विश्वIsrael–Hamas war: राफा में इजरायल के टैंक घुसे, मार गिराए हमास के 20 लड़ाके, सामने आया वीडियो, देखिए

विश्वIsrael–Hamas war: गाजा के रफह शहर पर हमला, अमेरिका ने गुस्से में इजराइल को 3500 बम नहीं दी, आखिर क्यों चिंतित हैं राष्ट्रपति बाइडन!

विश्वभारत की 23 दवा कंपनियों के संगठन ने अमेरिका में बुलाई बैठक, US-इंडिया साझेदारी बढ़ाने के लिए रखे ये बड़े लक्ष्य

विश्वLok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी के लिए तीसरा कार्यकाल चाहते हैं भारतीय-अमेरिकी, भारतीय प्रवासी नेता भुटोरिया ने कहा- सरकार की नीतियां भारत को बदल रही