नई दिल्ली: ईरान ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए रविवार, 14 अप्रैल को तड़के इजरायल पर हमला कर दिया और उस पर सैंकड़ों ड्रोन, बैलेस्टिक मिसाइल तथा क्रूज मिसाइल दागीं। ईरान के इस हमले ने पश्चिम एशिया को क्षेत्रव्यापी युद्ध के करीब धकेल दिया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगारी ने कहा कि ईरान ने कई ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल दागीं, जिनमें से अधिकतर को इजराइल की सीमाओं के बाहर नष्ट कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि युद्धक विमानों ने इजराइली हवाई क्षेत्र के बाहर 10 से अधिक क्रूज मिसाइलों को तबाह कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइल इजराइल में गिरीं। बचावकर्ताओं ने बताया कि एक हमले में दक्षिणी इजराइल के बदूइन अरब शहर में 10 वर्षीय लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई। हैगारी ने कहा कि एक अन्य मिसाइल सैन्य अड्डे पर गिरी जिससे वहां मामूली नुकसान हुआ है।
हैगारी ने कहा, ‘ईरान ने बड़े पैमाने पर हमला किया है और तनाव बढ़ाया है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या इजरायल इस हमले का जवाब देगा, उन्होंने कहा इजराइल की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है, सेना वह करेगी। सीरिया में एक अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में दो ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का प्रण किया था।
ईरान ने इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया था। हालांकि इजराइल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। यह पहली बार है जब ईरान ने देश की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई दशकों की दुश्मनी के बाद इजराइल पर सीधे तौर पर हमला किया है। अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र , फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने इजराइल पर ईरान के हमले की निंदा की है।
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कोर (आईआरजीसी) ने कहा है कि ‘ख़ास लक्ष्यों’ को निशाना बनाने के मक़सद से हमला किया गया है। ईरानी हमले की खबर आने के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया भी आई है। अमेरिका ने कहा है कि वह इजरायल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान के इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा करेगा। ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने भी ईरान के हमलों की निंदा की है और कहा है कि वह इसराइल और अपने सभी क्षेत्रीय भागीदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा।