डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जारी हुआ अरेस्ट वारंटअमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (America Presidential Election) की हार के बाद कल बुधवार की देर रात अमेरिकी संसद (America Parliament) में हुए बवाल के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मुश्किलें अब और बढ़ती दिख रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अब गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। यह गिरफ्तारी वारंट इराक की एक अदालत ने पिछले साल ईरानी जनरल और प्रभावशाली इराकी मिलिशिया नेता के मारे जाने के मामले में जारी किया है। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गुरुवार को यह गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। आइये आपको बताते हैं क्या है यह मामला..इराक की कोर्ट के मीडिया कार्यालय ने कहा कि अमेरिका के ड्रोन हमले में जनरल कासिम सुलेमानी और अबू माहदी अल मुहंदिस के मारे जाने के मामले में बगदाद की जांच अदालत के न्यायाधीश ने वारंट जारी किया है। सुलेमानी और मुहंदिस पिछले साल जनवरी में बगदाद हवाईअड्डे के बाहर ड्रोन हमले में मारे गए थे जिससे अमेरिका और इराक के बीच राजनयिक संकट पैदा हो गया था और दोनों के संबंधों में तल्खी आ गई थी। गिरफ्तारी वारंट हत्या के आरोप में जारी किया गया है। दोनों की मौत के बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनी ने उन्हें शहीद बताते हुए बदला लेने की बात कही थी। अयातुल्ला खामेनी ने ट्विटर पर लिखा था कि हम अबू माहदी और सुलेमानी की आत्मा को श्रद्धांजलि देते हैं। वे इस्लाम में प्रशिक्षित एक व्यक्ति का एक प्रमुख उदाहरण थे। उन्होंने अपना सारा जीवन अल्लाह के लिए संघर्ष करने में लगा दिया। वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने सुलेमानी के मारे जाने के बाद एक बयान में कहा था कि जनरल सुलेमानी इराक में अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों पर हमले की सक्रिय रूप से योजना बना रहे थे। जनरल सुलेमानी और उसका कुद्स फोर्स सैकड़ों अमेरिकियों और अन्य गठबंधन सहयोगियों के सदस्यों की मौत और हजारों को जख्मी करने के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्रालय ने आगे कहा था कि जनरल सुलेमानी ने बीते दिनों बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमलों की भी अनुमति दी। अमेरिका दुनिया भर में अपने लोगों और हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा। सुलेमानी की मौत के बाद ट्रंप ने बिना किसी विस्तृत जानकारी के अमेरिकी झंडा ट्वीट किया था।बता दें दि बुधवार की देर रात अमेरिका के वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त हंगामा किया। हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल में घुस गए, यहां तोड़फोड़ की, सीनेटरों को बाहर किया और कब्जा कर लिया। हालांकि सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षित किया। दुनियाभर के नेताओं ने इस हिंसा की आलोचना की है।