कोलकाता: रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का सोमवार देर शाम कोलकाता में निधन हो गया। उनके निधन के बाद मिशन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि स्वामी स्मरणानंद महाराज 95 वर्ष के थे और उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे।
मिशन की ओर से बताया गया है कि स्वामी स्मरणानंद महाराज का अंतिम संस्कार मंगलवार को बेलूर मठ में किया जाएगा। स्वामी स्मरणानंद महाराज 2017 में रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष बने थे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार उन्हें 5 मार्च को मिशन द्वारा संचालित दक्षिण कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस साल अपनी दूसरी बंगाल यात्रा के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल गए थे। उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शोक संदेश व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने एक्स पर किये पोस्ट में कहा, “रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने अनगिनत दिलों और दिमागों पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनकी करुणा और बुद्धिमत्ता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। वर्षों से मेरा उनसे बहुत घनिष्ठ संबंध रहा है। मुझे 2020 में बेलूर मठ की अपनी यात्रा याद है जब मैंने उनसे बातचीत की थी। कुछ हफ़्ते पहले कोलकाता में मैंने अस्पताल का दौरा भी किया था और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। मेरी संवेदनाएं बेलूर मठ के अनगिनत भक्तों के साथ हैं। ओम शांति"
रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शोक व्यक्त किया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “रामकृष्ण मठ और मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंदजी महाराज के आज रात निधन की खबर से गहरा दुख हुआ। इस महान भिक्षु ने अपने जीवनकाल के दौरान रामकृष्णवादियों की विश्व व्यवस्था को आध्यात्मिक नेतृत्व दिया है और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए सांत्वना का स्रोत बने हुए हैं। मैं उनके सभी साथी भिक्षुओं, अनुयायियों और भक्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
वहीं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी स्वामी स्मरणानंद महाराज के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज के निधन से उन्हें बेहद दुख हुआ है।