भुवनेश्वर: ओडिशा की सत्ता पर बीते 24 वर्षों से लगातार निर्विवाद रूप से काबिज मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना सकते हैं, बशर्ते आगामी विधानसभा चुनाव में ओडिशा की जनता उन्हें छठी बार अपना जनादेश दे।
जी हां, सर्वाधिक लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 77 साल के नवीन पटनायक को बतौर मुख्यमंत्री 78 दिन और पूरे करने होंगे।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार नवीन पटनायक को लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने का रिकॉर्ड बनाने के लिए कम से कम मई-जून में हो रहे आगामी विधानसभा चुनाव को जीतने की दरकार है और अगर आगामी चुनाव में नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को सफलता मिलती है तो पटनायक देश के किसी भी राज्य के सबसे लंबे समय मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे।
बीते शनिवार को चुनाव आयोग ने ओडिशा में चार चरणों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की, जो लोकसभा चुनावों के साथ-साथ होंगे। राज्य में 147 विधानसभा क्षेत्र और 21 लोकसभा सीटें हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे और नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
अपने आखिरी कैबिनेट संबोधित में नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य के लोग लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के साथ देश के राजनीतिक इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं।
अगर ओडिशा का आगामी विधानसभा चुनाव बीजू जनता दल जीतता है तो नवीन पटनायक देश के इतिहास में दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बन जाएंगे और सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगे, जो 12 दिसंबर 1994 से 27 मई 2019 तक 24 साल और 167 दिनों सिक्किम के सीएम रहे हैं।
वहीं अगर नवीन पटनायक की बात करें तो वो 5 मार्च, 2000 से ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं और उनका कार्यकाल 2 जून को समाप्त होने वाला है, जिस समय तक वह सत्ता में 24 साल और 89 दिन पूरे कर लेंगे यानी उन्हें सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बतौर मुख्यमंत्री 78 दिन और पूरे करने होंगे।
साल 2019 के ओडिशा विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी को 112 सीटें मिली थीं, वहीं भाजपा ने 23 और कांग्रेस ने नौ सीटें हासिल की थी। इसके अलावा सीपीएम और स्वतंत्र उम्मीदवार ने भी एक सीट जीता था। वहीं अगर लोकसभा की बात करें तो बीजेडी ने 12 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने एक सीट हासिल की। थी।