लखनऊ: एक अचानक और चौंकाने वाले घटनाक्रम में, मंगलवार को लोकसभा चुनाव के बीच बहुजन समाज पार्टी (बीजेपी) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी पद से निष्कासित कर दिया और उन्हें "परिपक्व" होने तक अपने उत्तराधिकारी के रूप में "अस्वीकार" कर दिया। मायावती ने अपने फैसले के बारे में ट्वीट किया जो आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में राजनीतिक बहस का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
पार्टी सुप्रीमो ने इस संबंध में एक्स पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा, "विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।"
उन्होंने आगे लिखा, "इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।"
मायवती ने आगे लिखा, "जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।"
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बसपा के गढ़ नगीना में बेहद सक्रिय रहे आकाश आनंद के खिलाफ उनकी अचानक घोषणा और कार्रवाई ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है। पार्टी से निष्कासन पर आकाश आनंद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।