मध्य प्रदेश में 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण की वोटिंग में 6 सीटों पर मतदान होगा। उम्मीदवार तय होने के साथ जीत के लिए जोर आजमाइश तेज हो गई है। लेकिन लोकमत पर समझिए, प्रदेश की 6 अहम लोकसभा सीटों के सियासी समीकरण को, कौन किस पर भारी साबित हो रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार कितने दमदार हैं। कितना रोचक है 6 लोकसभा सीटों का चुनाव।
सीधी- विंध्य की सबसे महत्वपूर्ण सीट। सीधी सिंगरौली के साथ शहडोल जिले का कुछ हिस्सा लोकसभा में आता है। यहां बीजेपी ने राजेश मिश्रा तो कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को उम्मीदवार बनाया है। कुल आठ विधानसभा वाली सीट बीजेपी का मजबूत किला है। जिसे ढहाना कांग्रेस के लिए चुनौती है। बीजेपी इस बार नए चेहरे तो कांग्रेस पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के सहारे चुनाव मैदान में है। 2019 के चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत हासिल हुई थी और सांसद चुनकर प्रीती पाठक लोकसभा पहुंची थी।
शहडोल- आदिवासी सीट दिग्गज चेहरों के कारण चर्चा में रहती है। बीजेपी ने मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह तो कांग्रेस ने तीन बार से विधायक फुन्देलाल मार्को को चुनाव मैदान में उतारा है। मार्को अपने रहन-सहन और पहनावे के कारण सुर्खियों में रहते हैं। इस सीट पर मुकाबला कड़ा होगा।
जबलपुर-कभी जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की राजनीति के लिए पहचाने जाने वाली जबलपुर सीट सबसे महत्वपूर्ण सीट है। यहां से बीजेपी ने चौकाने वाला नाम आशीष दुबे और कांग्रेस ने दिनेश यादव को मैदान में उतारा है। जबलपुर सीट पर भाजपा लगातार कब्जा जमाती आ रही है ऐसे में कांग्रेस के लिए महाकौशल की महत्वपूर्ण सीट हासिल करना बड़ी चुनौती है।मंडला-प्रदेश की सबसे दिलचस्प सीट है। 2014 में चुनाव हारे ओंकार सिंह मरकाम पर कांग्रेस पार्टी ने दाव खेला है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर बीजेपी पुराने चेहरे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के सहारे है तो कांग्रेस चार बार के विधायक ओमकार सिंह मरकाम के साथ मैदान में है। 2023 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर फग्गन सिंह को हारे थे। लेकिन 2024 का चुनाव कुलस्ते जीत पाएंगे।इस पर सब की नजर होगी। इस सीट पर आदिवासी वाटर निर्णायक होते हैं।