नई दिल्ली: चीन की सेना ने बुधवार, 17 अप्रैल को बताया कि उसने संवेदनशील ताइवान जलडमरूमध्य के ऊपर उड़ान भरने वाले अमेरिकी नौसेना के गश्ती विमान की निगरानी और चेतावनी देने के लिए लड़ाकू जेट भेजे। यह मिशन चीनी और अमेरिकी रक्षा प्रमुखों के बीच एक कॉल के कुछ ही घंटों बाद हुआ था।
बता दें कि चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान पर संप्रभुता का दावा करता है और कहता है कि इस जलडमरूमध्य पर उसका अधिकार क्षेत्र है। जबकि ताइवान और संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि ताइवान जलडमरूमध्य एक अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग है।
क्षेत्र में तैनात अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने बताया कि पी-8ए पोसीडॉन समुद्री गश्ती और टोही विमान, जिसका उपयोग पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए भी किया जाता है, ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में जलडमरूमध्य के ऊपर से उड़ान भरी।
एक बयान में कहा गया, "अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार ताइवान जलडमरूमध्य के भीतर संचालन करके, संयुक्त राज्य अमेरिका सभी देशों के नौवहन अधिकारों और स्वतंत्रता को बरकरार रखता है। ताइवान जलडमरूमध्य से विमान का पारगमन एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
चीन की सेना ने उड़ान को सार्वजनिक प्रचार बताया और कहा कि उसने अमेरिकी विमान की निगरानी करने और चेतावनी देने और कानून और नियमों के अनुसार इससे निपटने के लिए लड़ाकू विमान भेजे थे। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने एक बयान में कहा कि सैनिक हमेशा हाई अलर्ट पर रहते हैं और राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दृढ़ता से रक्षा करेंगे।
दूसरी तरफ ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विमान ने जलडमरूमध्य के माध्यम से दक्षिण की ओर उड़ान भरी और ताइवानी बलों ने स्थिति की निगरानी की लेकिन कुछ भी असामान्य नहीं देखा।
बता दें कि अमेरिकी सैन्य जहाज और विमान महीने में लगभग एक बार संकीर्ण ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरते हैं। यह चीन को पसंद नहीं है। ताइवान की सरकार चीन के संप्रभुता के दावों को खारिज करती है और कहती है कि केवल द्वीप के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं। चीन ने ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से परहेज न करने की बात भी कही है।