नई दिल्ली: टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI जल्द ही एक ऐसा मैकेनिज्म लागू करने जा रहा है जिससे कॉलर्स की पहचना काफी आसानी से पता चल जाएगा और इसके लिए आपको ट्रूकॉलर (Truecaller ) जैसे कोई एप भी नहीं रखना होगा। ट्राई कॉलर्स के KYC बेस्ड मैकेनिज्म पर काम कर रहे है जिससे वह फर्जी, अंजान और स्पैम वाले कॉल्स पर लमाम लगा सकेगा।
यही नहीं ट्राई का यह भी कहना है कि वह इस मैकेनिज्म को इसलिए लागू करने जा रहा है ताकि वह टेलीकॉम कंपनियों पर भी सही से नजर रख सके। हालांकि ट्राई द्वारा इस मैकेनिज्म के शुरू होने से ट्रूकॉलर जैसे एप पर काफी असर पड़ेगा और शायद लोग उसके एप को इस्तेमाल भी करना बंद न कर दें।
क्या है ट्राई का प्लान
रिपोर्ट के अनुसार, अगले तीन महीने में ट्राई केवाईसी बेस्ड सर्विस शुरू करने जा रहा है। इस सर्विस में कॉल करने वाले शख्स की पूरी जानकारी जैसे कौन कॉल कर रहा है और किस नंबर से कॉल आ रहा है इसकी जानकारी मिल पाएगी।
इससे पहले ट्रूकॉलर नामक एक एप यह सुविधा देती है, लेकिन ट्राई द्वारा इस सर्विस को लागू करने पर यह सुविधा अब आपको ट्राई से ही मिल जाएगी और इसके लिए आपको ट्रूकॉलर जैसे आप को रखने की भी जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि इस सर्विस के शुरू होने से चाहे आपके फोन वह नंबर सेव हो या न हो, आपको कॉल करने वाले की पहचान आपके स्क्रीन पर नजर आ जाएगी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्राई की यह सर्विस नो योर कस्टमर (केवाईसी) डेटा के आधार पर काम करेगी यानी जिस नाम से सिम कार्ड खरीदा होगा कॉल करने वाले को वहीं नाम दिखाई देगा।
ट्राई टेलीकॉम कंपनियों पर भी रखना चाहती है नजर
आपको बता दें कि ट्राई की यह सर्विस इस तरीके से काम करेगी कि जिस किसी नाम से सिम कार्ड लिया होगा कॉल करने वाले का नाम वैसे ही दिखाई देगा। ऐसे में अगर कोई भी टेलीकॉम कंपनी सिम बेचते समय कोई गड़बड़ी की होगी तो ऐसे में कॉलर की सही से पहचान नहीं हो पाएगी।
इस हालत में ट्राई इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी। इस सर्विस के शुरू होने से मोबाइल उपभोक्ता कॉल करने वालों की 100 फीसदी सही जानकारी मिलेगी। यही नहीं ट्रूकॉलर जैसे एप ग्राहकों के डेटा को बेच देते है जिससे उनको अच्छी कमाई होती है। ऐसा ट्राई द्वारा शुरू की गई सर्विस में नहीं होगा और उनका डेटा सुरक्षित सरकार के पास रहेगा।