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Sarva Pitru Amavasya 2023: सर्वपितृ अमावस्या के साथ खत्म होंगे पितृ पक्ष, जानें इस दिन श्राद्ध करने का महत्व और सही तरीका

By अंजली चौहान | Published: October 04, 2023 2:21 PM

हिंदू धर्म के अनुसार, हमें अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप हमारा जीवन सुखी और फलदायी होता है।

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Sarva Pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है जिसके बारे में पुराणों में विस्तार से बताया गया है। पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने का प्रावधान है जिससे आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिल सके। आश्विनी माह की कृष्ण अमावस्या के दिन पितृ पक्ष समाप्त हो जाएंगे।

इसी दिन सितंबर महीने की 14 तारीख पड़ रही है और इसी दिन सर्वपितृ अमावस्या है। इसे विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है। पितरों का श्राद्ध कर पितृऋण से मुक्ति के लिए ये दिन महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि अगर किसी को अपने पूर्वजों की पुण्य तिथि याद नहीं है तो वह सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। 

कब है सर्वपितृ अमावस्या?

हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या इस बार 14 अक्टूबर को पड़ रही है। पंचांग के मुताबिक, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर रात 09:50 मिनट से शुरू होगी और 14 अक्टूबर 11:24 मिनट पर खत्म होगी।

उदया तिथि के अनुसार, 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन श्राद्ध-तर्पण के लिए तीन मुहूर्त बताए गए हैं जो सुबह 11:44 बजे से दोपहर 3:35 बजे तक रहेगा। इस दिन इस मुहूर्त में किसी भी समय पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं। 

कुतुप मूहुर्त: सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर 

रौहिण मूहुर्त: दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 16 मिनट पर

अपराह्न काल: दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से 03 बजकर 35 मिनत तक 

किन लोगों का इस दिन किया जाता है श्राद्ध 

मान्यता है कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन परिवार के उन मृत सदस्यों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि, अमावस्या तिथि और चतुर्दशी तिथि के दिन हुई हो। उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या के दिन किया जाता है। इसके साथ ही अगर आपको अपने पितृ की पूण्य तिथि याद नहीं है तो आप इस दन उनका श्राद्ध कर सकते हैं। 

(डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी किसी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। इसकी किसी विशेषज्ञ द्वारा पुष्टि नहीं कराई गई है। कृपया किसी भी सलाह और जानकारी पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें, लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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