पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
सर्वपितृ अमावस्या पर उन पितरों का भी श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है। इन पितरों को तृप्त करने के लिए श्राद्ध, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन, तर्पण आदि किया जाता है। ...
Pitru Paksha 2023: इस्कॉन के माध्यम से करीब 3 सौ विदेशियों ने पिंडदान किया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों से भी लगातार पिंडदानी गया जी पहुंच रहे हैं। ...
बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर शनिवार को गया पहुंचे, जहां उन्होंने विष्णुपद मंदिर में पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया। पितृपक्ष 29 सितंबर शुक्रवार से शुरु हो चुका है। यह 14 अक्टूबर को समाप्त होगा। ...
अंग्रेजी कैलेंडर का दसवां महीना अक्टूबर शुरू हो गया है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे जो आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। ...
पितृ पक्ष हिंदू कैलेंडर में एक समय अवधि है जिसके दौरान लोग अपने पूर्वजों का सम्मान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान पूर्वज अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो आपके निकट पूर्वजों की उपस्थिति क ...
Pitru Paksha 2023 के मौके पर बिहार के गया जिले में देशभर से लाखों श्रद्धालु शुक्रवार को विष्णुपद मंदिर पहुंचे हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार श्रद्धालु वहां पिंडदान करके अपने पूर्वजों को जन्म-मत्यु के चक्र से मुक्त कराने का कार्य करेंगे। ...