नई दिल्ली: पहलवान साक्षी मलिक ने खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किये भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नवनिर्वाचित प्रमुख संजय सिंह पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। ओलंपिक में भारत का नाम रोशन कर चुकीं पहलवान साक्षी मलिक ने मंगलवार को कहा कि कुश्ती महासंघ के निलंबित प्रमुख संजय सिंह फर्जी चैंपियनशिप का आयोजन कराते हैं और उसके प्रमाणपत्र भी बांटते हैं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार इस मामले पर खेल मंत्रालय से अपील करते हुए साक्षी मलिक ने सवाल उठाया कि महासंघ का एक निलंबित सदस्य डब्ल्यूएफआई के फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी चैंपियनशिप में बंटने वाले प्रमाणपत्र से खिलाड़ियों के भविष्य पर गलत असर पड़ेगा।
महिला पहलवान मलिक ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, “भारत सरकार ने बृज भूषण सिंह के सहयोगी संजय सिंह की गतिविधियों को निलंबित कर दिया था, उसके बावजूद संजय सिंह राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप को अपनी इच्छानुसार चला रहे हैं और खिलाड़ियों को फर्जी प्रमाणपत्र बांट रहे हैं, जो सरासर अवैध है।"
उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय द्वारा जयपुर में राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया जाना था, जिसमें दावा किया गया कि संजय सिंह "अपना प्रभुत्व कायम करने" के लिए एक फर्जी चैंपियनशिप का आयोजन कर रहे हैं।
खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित कुश्ती राष्ट्रीय चैंपियनशिप जयपुर में होनी है, लेकिन उससे पहले कुश्ती पर अपना दबदबा साबित करने के लिए संजय सिंह अवैध रूप से विभिन्न राष्ट्रीय चैंपियनशिप के प्रमाणपत्रों पर हस्ताक्षर कर उन्हें वितरित किया। कुश्ती संघ का कोई निलंबित व्यक्ति संस्था के पैसे का दुरुपयोग कैसे कर सकता है?”
मलिक ने अपने आरोपों में आगे कहा कि ऐसे प्रमाणपत्रों से खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। कल जब खिलाड़ी इन प्रमाणपत्रों के साथ नौकरी मांगने जाएंगे तो गरीब खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जबकि उसमें खिलाड़ियों की कोई गलती नहीं है।