लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने मैनपुरी सीट पर हाल में हुए लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत और रामपुर विधानसभा उपचुनाव में हार को लेकर आश्चर्य जताया है। उन्होंने अंदेशा जताते हुए ट्वीट किया कि कहीं यह भाजपा और समाजवादी पार्टी की मिलीभगत तो नहीं है।
मायावती ने साथ ही आगाह किया कि मुस्लिमों को बहुत सोचने और समझने की जरूरत है। मायावती ने ट्वीट किया, 'यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खान की खास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अन्दरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?'
मायावती ने एक और ट्वीट में लिखा, 'इस बारे में खासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी जरूरत है ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके। खतौली विधानसभा की सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहाँ काफी सन्देह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है।'
गौरतलब है कि मैनपुरी में हाल ही में हुए उपचुनाव में सपा की डिंपल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को 2.88 लाख मतों के अंतर से हराया। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, जो डिंपल यादव के ससुर भी थे, के निधन के कारण यहां उपचुनाव कराया गया था।
दूसरी ओर भाजपा ने पहली बार समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के गढ़ रामपुर सदर विधानसभा सीट पर सेंध लगाई है। भाजपा के आकाश सक्सेना ने आजम के उम्मीदवार असीम रजा को करीबी मुकाबले में 34,000 वोटों के अंतर से हराया।
सपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल ने खतौली उपचुनाव जीता और उसके उम्मीदवार मदन भैया ने भाजपा की राजकुमारी सैनी को 22,000 मतों से हराया।
मायावती की पार्टी के पास 2022 के विधान सभा चुनावों में बड़ी हार के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक सीट है। बसपा ने यूपी विधानसभा चुनाव में 88 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका।