World Lupus Day May 10, 2024: ल्यूपस एक ऑटोइम्यून विकार है. यह तब होता है जब शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही अंगों पर हमला करती है. यह विकार अधिकतर महिलाओं में पाया जाता है और 10 में से 9 मरीज महिलाएं होती हैं. विशेष रूप से, प्रसव उम्र वाली महिलाओं और युवा लड़कियों में यह ज्यादा विकसित होता है. प्रसिद्ध रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. तन्मय गांधी के मुताबिक इन विकारों के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. 10 मई को विश्व ल्यूपस दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस विकार को लेकर समाज में काफी अज्ञानता है.
हालांकि प्रति एक लाख लोगों में से इस विकार के 3.2 मरीज हैं, क्योंकि यह एक ही समय में शरीर के अन्य अंगों पर भी हमला करता है. इसलिए इस विकार का समय रहते उपचार किया जाना चाहिए. ल्यूपस डिसऑर्डर महिलाओं में अधिक आम है. ल्यूपस विकार के कारण गर्भधारण करने में भी कठिनाई होती है, महिलाओं में बार-बार गर्भपात होता है.
हालांकि इस विकार का कारण पता नहीं है, लेकिन इसके लिए एक्स क्रोमोजोम और महिला सेक्स हार्मोन जिम्मेदार हो सकते हैं. ल्यूपस से शरीर के अन्य अंगों से संबंधित लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं. उदाहरण के तौर पर यदि हृदय या फेफड़ों में पानी जमा हो जाए तो सांस लेने में तकलीफ, ब्लड प्रेशर बढ़ना और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
यदि मूत्र के माध्यम से प्रोटीन का उत्सर्जन बहुत ज्यादा हो जाता है तो किडनी ल्यूपस विकार से पीड़ित हो जाती है. मस्तिष्क से संबंधित लक्षणों में सिरदर्द, दौरे, पक्षाघात और मानसिक बीमारी शामिल है. विभिन्न रक्त घटकों का निम्न स्तर और रक्त का स्वत: थक्का जमना भी ल्यूपस के लक्षण हो सकते हैं. निदान के लिए एएनए परीक्षण है. हालांकि रूमेटोलॉजिस्ट विभिन्न लक्षणों के आधार पर परीक्षण का सुझाव देते हैं.
समय पर उपचार कराना जरूरी
महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण दिखने के बाद जल्द से जल्द रूमेटोलॉजिस्ट की ट्रीटमेंट लेनी चाहिए. ट्रीटमेंट से गर्भपात जैसी समस्याओं पर भी काबू पा सकते हैं और समय पर इलाज कराने से मां बनने में कोई दिक्कत नहीं आती है और संबंधित महिला रोगी सामान्य जीवन जी सकती हैं. डॉ. तन्मय गांधी, रूमेटोलॉजिस्ट, नागपुर
ये है ल्यूपस के लक्षण
- जोड़ों में दर्द, सूजन- जोड़ों में अकड़न- बार-बार बुखार आना- चेहरे पर लाल धब्बे- तितली के आकार का धब्बा- बालों का झड़ना, गंजापन- उंगलियों का रंग नीला-काला