नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन इस महीने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रूस की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। दोनों नेता यूक्रेन में जारी युद्ध में उत्तर कोरिया द्वारा मास्को को हथियार उपलब्ध कराने की संभावना पर चर्चा करेंगे।
बीबीसी के यूएस पार्टनर सीबीएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि किम जोंग उन ट्रेन के माध्यम से रूस की यात्रा कर सकते हैं। व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन के बातचीत कहां होगी यह स्पष्ट नहीं है। हालांकि इन कयासों पर अब तक न तो रूस ने कोई प्रतिक्रिया दी है न ही उत्तर कोरिया द्वारा ही कुछ कहा गया है। हालांकि किम और पुतिन की मुलाकात को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों में चिंता जरूर है।
रूस को यूक्रेन में अपना अभियान जारी रखने के लिए हथियारों का जरूरत है। वहीं उत्तर कोरिया तेजी से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है और रूस को परमाणु तकनीक में महारथ हासिल है। अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंता ये है कि अगर रूस ने उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों की तकनीक दी तो इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारी जॉन किर्बी ने 30 अगस्त को कहा था कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों के लेन-देन को लेकर बातचीत जोर पकड़ रही है। दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी सेना के लिए हथियारों की आपूर्ति चाहते हैं, जिसके लिए वह उत्तर कोरिया से बातचीत कर रहे हैं। हथियारों की इस खरीद-फरोख्त और उत्तर कोरिया के साथ बढ़ते व्यापारिक संबंधों का यूक्रेन के युद्धक्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
उत्तर कोरिया हथियारों के बदले रूस से तकनीक की मांग कर सकता है। इससे उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को बहुत फायदा होगा और साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से हुए नुकसान की भरपाई कर सकेगा। अमेरिका ने सितंबर 2022 में दावा किया था कि उत्तर कोरिया, रूस को बड़ी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।
कुछ समय पहले रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने उत्तर कोरिया का दौरा किया था। इस दौरान शोइगु को हथियारों की प्रदर्शनी दिखाने का काम खुद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने किया। इस प्रदर्शनी में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें, लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलें और नई तकनीक वाले उन्नत ड्रोन के साथ-साथ अन्य हथियार प्रणालियां भी मौजूद थीं।
संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को सीमित करना चाहता है, जिसके लिए उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन अगर बदलते परिदृश्य में रूस पिछले दरवाजे से भी उत्तर कोरिया की मदद करता है तो ये अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के लिए खतरनाक हो सकता है।