लाइव न्यूज़ :

Bakrid 2022: बकरीद के मौके पर मुसलमान क्यों देते हैं कुर्बानी, जानें इस त्योहार का इतिहास और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: July 09, 2022 4:18 PM

इस साल बकरीद पूरे भारत में 10 जुलाई को मनाई जाएगी। बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाहों और मस्जिदों में जमात के साथ नमाज अदा करते हैं।

Open in App

Bakrid 2022 Date: बकरीद मुस्लिम धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है। रमजान महीना खत्म होने के करीब 70 दिन बाद और इस्लामिक कैलेंडर जु अल-हज्जा महीने के 10वें दिन बकरीद (Bakrid) का त्योहार मनाया जाता है। इस्लाम मजहब में इस दिन अल्लाह के नाम कुर्बानी देने की परंपरा है। मुसलमान इस दिन नामज पढ़ने के बाद खुदा की इबादत में चौपाया जानवरों की कुर्बानी देते हैं और तीन भाग में बांटकर इसे जरूरतमंदों और गरीबों को देते हैं। 

इस साल बकरीद पूरे भारत में 10 जुलाई को मनाई जाएगी। बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाहों और मस्जिदों में जमात के साथ नमाज अदा करते हैं। त्योहार की शुरुआत सुबह नमाज अदा करने के साथ होती है। लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर भी जाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं। 

जानें बकरीद का इतिहास और महत्व

कहते हैं कि एक रात अल्लाह ने हजरत इब्राहिम के ख्वाब में आकर उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांगी। इब्राहिम को पूरी दुनिया में अपना बेटा ही प्यारा था। ऐसे में वह अल्लाह पर भरोसे के साथ बेटे स्माइल की कुर्बानी के लिए तैयार हो गए। 

इब्राहिम अपने बेटे को कुर्बानी के लिए ले ही जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें एक शैतान मिला और उसने उन्हें ऐसा करने से मना किया। शैतान ने पूछा कि वह भला अपने बेटे की कुर्बानी देने क्यों जा रहे हैं? इसे सुन इब्राहिम का मन भी डगमगा गया लेकिन आखिरकार उन्हें अल्लाह की बात याद आई और कुर्बानी के लिए चल पड़े।

कहते हैं कि इब्राहिम ने बेटे की कुर्बानी देने के समय अपने आंखों पर पट्टी बांध ली ताकि उन्हें दुख न हो। कुर्बानी के बाद जैसे ही उन्होंने अपनी पट्टी खोली, अपने बेटे को उन्होंने सही-सलामत सामने खड़ा पाया। 

दरअसल, अल्लाह इब्राहिम के धैर्य और भरोसे की परीक्षा ले रहे थे। कुर्बानी का समय जैसे ही आया तो अचानक किसी फरिश्ते ने छुरी के नीचे स्माइल को हटाकर दुंबे (भेड़) को आगे कर दिया। ऐसे में दुंबे की कुर्बानी हो गई और बेटे की जान बच गई। इसी के बाद से कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हो गई।

टॅग्स :बक़रीदइस्लाम
Open in App

संबंधित खबरें

भारतइस्लाम निकाह के रहते लिव-इन रिलेशनशिप को मंजूरी नहीं देता है'- इलाहाबाद हाईकोर्ट

भारतखतरे में है भारत की बहुसंख्यक हिंदू आबादी? जनसंख्या में रिकॉर्ड 7.82% की गिरावट, अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी में वृद्धि

पूजा पाठEid-ul-Fitr 2024: लखनऊ में नहीं हुआ चांद का दीदार, देशभर में 11 अप्रैल को मनाई जाएगी ईद, चेक करें नमाज का समय

पूजा पाठEid-ul-Fitr 2024 Date: भारत में कब दीदार होगा चांद? जानें ईद-उल-फितर की सही तारीख

पूजा पाठEid-ul-Fitr 2024 Date: कब है ईद-उल-फितर? जानिए तारीख और इस्लाम में इस पर्व का महत्व

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAkshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया कल, अधिक से अधिक लाभ पाने के लिए इस समय करें खरीदारी, जान लें शुभ मुहूर्त

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 09 May 2024: इन 5 राशिवालों के लिए सौभाग्य लेकर आया है आज का दिन, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

पूजा पाठआज का पंचांग 09 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 08 May 2024: आज निजी काम में व्यस्त रह सकते हैं कर्क राशिवाले, जानें सभी राशियों का भविष्य

पूजा पाठआज का पंचांग 08 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय