मेड्रिड (स्पेन): किदांबी श्रीकांत ने शनिवार को BWF वर्ल्ड चैम्पियनशिप के पुरुषों के एकल वर्ग के फाइनल में अपनी जगह पक्की करते हुए इतिहास रच दिया। वे ऐसा करने वाले भारत के पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं।
दिलचस्प ये रहा कि दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत ने हमवतन लक्ष्य सेन को एक घंटे 9 मिनट में 17-21, 21-14, 21-17 से हराकर यह शानदार उपलब्धि हासिल की। श्रीकांत अब फाइनल में सिंगापुर के लो किन से भिड़ेंगे जिन्होंने डेनमार्क के आंद्रे एंटोसेन को हराकर खिताबी मुकाबले के लिए अपनी जगह पक्की की।
पहले गेम में हार के बाद श्रीकांत की वापसी
20 साल के लक्ष्य सेन ने किदांबी श्रीकांत को कड़ा मुकाबला दिया। पहले ही गेम के ब्रेक तक लक्ष्य सेन ने श्रीकांत पर 11-8 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद श्रीकांत ने जोर लगाया और वापसी करते हुए स्कोर को एक समय 17-17 पर ले आए।
इसके बाद सेन ने फिर वपासी की और चार सीधे अंक लेते हुए गेम 21-17 से जीत लिया। इस दौरान श्रीकांत दबाव में भी नजर आए और कुछ अनफोर्स्ड एरर भी किए।
दूसरे और तीसरे गेम में श्रीकांत का अनुभव पड़ा भारी
दूसरे गेम में भी लक्ष्य सेन की शुरुआत शानदार रही और एक समय 8-4 की बढ़त के साथ वे आगे थे। इसके बाद श्रीकांत ने वापसी की और ब्रेक तक दो अंक की बढ़त बना ली। इसके बाद 28 वर्षीय श्रीकांत का अनुभव खुल कर कोर्ट पर हर शॉट के साथ नजर आने लगा और उन्होंने 16-12 की बढ़त हासिल कर ली। लक्ष्य सेन ने यहां पर कुछ वापसी की कोशिश की पर श्रीकांत ने बेहद कम मौके दिए और 21-14 से जीत हासिल की।
तीसरे गेम में मुकाबला कांटे का रहा। एक समय स्कोर 7-7 से बराबर थे। सेन ने इसके बाद और बेहतरीन खेल दिखाते हुए ब्रेक तक श्रीकांत पर तीन अंकों की बढ़त बना ली।
हालांकि ब्रेक के बाद श्रीकांत ने शानदार खेल दिखाया और स्कोर एक समय 13-13 पर बराबर था। इसके बाद श्रीकांत ने 19-16 की बढ़त ली और फिर गेम भी 21-17 से अपने नाम करते हुए फाइनल का रास्ता तय किया।