बेंगलुरु: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान एक बार फिर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का जिक्र छेड़ दिया है। सीएम सरमा ने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में कहा कि मौजूदा हालात में एनआरसी की बेहद सख्त जरूरत है ताकि सरकार को यह पता चल सके कि उनके द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं जरूरतमंद लोगों तक पहुंच पा रही हैं या की नहीं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते मंगलवार को कहा कि इस देश में सभी नागरिकों को एनआरसी में सूचीबद्ध किया जाना बेहद आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी योजनाएं पात्र लोगों तक पहुंचे। चुनावी राज्य में भाजपा के लिए लगातार प्रचार करते हुए सीएम सरमा एनआरसी के अलावा पार्टी के मुख्य एजेंडे समान नागरिक संहिता(यूसीसी) को भी लागू करने की वकालत जमकर कर रहे हैं।
अपनी चुनावी सभा में सीएम सरमा दावा कर रहे हैं कि यूसीसी भी देश के लिए बेहद आवश्यक है क्योंकि इसका सीधा लाभ मुस्लिम महिलाओं को होगा और उन्हें भी न्याय एवं समान अधिकार का मौका मिलेगा। बीते दो दिनों से भाजपा के लिए कर्नाटक चुनावी प्रचार में लगे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मल्लेश्वरम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अब बहुत आवश्यक है कि राष्ट्रव्यापी एनआरसी लागू किया जाए। अब जब कि हम देश ने आजादी के 75 साल मना रहे हैं, अमृत काल की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन कितनी दुखद बात है कि आज तक हम जानते ही नहीं हैं कि इस देश के वास्तविक नागरिक कौन हैं। इससे सरकारी योजनाओं को लागू करने में भारी परेशानी आ रही है और लोगों के कल्याण के लिए बनाई गई सरकारी योजनाएं सही लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।"
पत्रकारों ने नागरिकों के पहचान पत्र के तौर पर जब आधार का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि आधार को कभी भी नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस दिशा में काम कर रही है और पार्टी ने चुनावी घोषणापत्र में कर्नाटक की जनता से वादा किया है कि वो सत्ता में आते ही एनआरसी को लागू करेंगे और वैसे लोगों की पहचान करेंगे, जो देश के नागरिक है ही नहीं और लाभ सारे ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इसके लिए मैं विशेषरूप से कर्नाटक भाजपा को बधाई देना चाहता हूं। चुनावी घोषणा पत्र में एनआरसी को शामिल करना ऐतिहासिक है क्योंकि इस कारण एनआरसी कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रव्यापी आह्वान को विशेष बल मिलेगा।"
इसके साथ ही सीएम सरमा ने देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किये जाने पर जोर देते हुए कहा, "इससे हमारी मुस्लिम महिलाओं को लैंगिक न्याय और समान अधिकार मिलेगा। यह उनके लिए बेहद आवश्यक है। कर्नाटक भाजपा उसके लिए काम कर रही है और उस दिशा में आगे बढ़ी है। मुझे उम्मीद है कि कर्नाटक के बाद अब पूरे देश में यूसीसी लागू करने पर खुलकर चर्चा होगी।।"