नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पहली बार ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ (आईवएफ) तकनीक से किसी बच्चे का जन्म हुआ है। छह साल से संतान सुख पाने की कोशिशों में जुटे एक दंपती को 13 जनवरी को सफदरजंग अस्पताल में एक बेटा पैदा हुआ। ऐसे में जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
कई अन्य अस्पतालों में कोशिशों के बाद दंपत्ति को यहां से हुआ बच्चा-डॉ. बिंदू बजाज
इस पर बोलते हुए केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल की आईवीएफ इकाई की प्रमुख डॉ. बिंदू बजाज ने कहा, “दंपती ने कई अन्य अस्पतालों में आईवीएफ तकनीक आजमाई, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने सफदरजंग अस्पताल का रुख किया और सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) के तहत इलाज शुरू कराया।”
मामले में सफदरजंग अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग की प्रोफेसर डॉ. दिव्या पांडे ने कहा, “यह एक मुश्किल केस था। आखिरकार, मरीज गर्भधारण में सफल रही और आईवीएफ के तहत पहली ही कोशिश में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।”
सफदरजंग अस्पताल में आईवीएफ की सुविधा 2015 में ही हो गई थी शुरू-चिकित्सा अधीक्षक
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी एल शेरवाल ने बताया, “सफदरजंग अस्पताल में आईवीएफ सुविधा स्थापित करने की कवायद 2015 में शुरू हुई थी, जब स्त्री एवं प्रसूती रोग विभाग में उससे संबंधित केंद्र के लिए जगह निर्धारित की गई थी। बुनियादी ढांचा और रसद संबंधी पहलुओं को 2019 में पूरा कर लिया गया था। लेकिन, कोविड-19 महामारी के कारण यह केंद्र तब शुरू नहीं किया जा सका था।”
डॉ. शेरवाल ने कहा कि अस्पताल में पहली बार आईवीएफ पद्धति से बच्चे के जन्म में कामयाबी मिली है। ऐसे में अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में सोमवार से शनिवार तक रोजाना प्रजनन संबंधी समस्याओं को समर्पित ओपीडी का संचालन किया जा रहा है।