एक अध्ययन में हुआ खुलासा, पुरुष डॉक्टरों की तुलना में महिला डॉक्टर ने किया ये काम, जिससे मृत्यु दर में हुआ सुधार
By आकाश चौरसिया | Published: April 24, 2024 12:42 PM2024-04-24T12:42:57+5:302024-04-24T13:15:21+5:30
एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पुरुष डॉक्टरों द्वारा इलाज किए गए मरीजों की तुलना में महिला डॉक्टरों वाले मरीजों में मृत्यु दर और रिएडमिट की दर भी कम हुई।
नई दिल्ली: एक रिपोर्ट सामने आ रही है, जिसमें ये खुलासा हुआ है कि जब भी किसी मरीज को फीमेल डॉक्टर के द्वारा ठीक किया जाता है, तो उसके बचने की उम्मीद बढ़ जाती है। उनके द्वारा मरीज दोबारा अस्पताल में भर्ती नहीं होता है या उसकी मरने की संभावना कम हो जाती है।
एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, पुरुष डॉक्टरों द्वारा इलाज किए गए मरीजों की तुलना में महिला डॉक्टरों वाले मरीजों में मृत्यु दर और रिएडमिट की दर कम होती है। यह अध्ययन कुल 7,76,00 मरीजों पर किया गया, जिसमें 4,58,100 महिला थी और करीब 3,18,000 मरीज पुरुष थे, जो साल 2016 से 2019 के बीच भर्ती हुए। सभी मेडिकेयर द्वारा कवर किए गए थे।
अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि महिला चिकित्सकों द्वारा इलाज किए जाने पर मरीजों की मृत्यु दर और दोबारा भर्ती होने की दर कम होती है। महिला चिकित्सक द्वारा इलाज किए जाने पर महिला रोगियों की मृत्यु दर 8.15 फीसदी थी, जबकि पुरुष चिकित्सक द्वारा इलाज किए जाने पर मृत्यु दर 8.38 प्रतिशत थी। जबकि, फीमेल चिकित्सक से उपचार कराने पर पुरुष मरीजों की मृत्यु दर 10.15 प्रतिशत रही और पुरुष चिकित्सक से उपचार कराने पर यह 10.23 प्रतिशत पर आकर ठहरी।
रिसर्च में माना गया कि यह महिला डॉक्टरों के उपचार करने पर जो सुधार हुआ, उसका क्लीनिकली बहुत बड़ा महत्व है। यह एक बात गौर करने वाली है जो कि महिला चिकित्सक के द्वारा अपने मरीजों को हाई-क्वालिटी केयर दी जाती है और तो और समाजिक तौर पर भी फीमेल चिकित्सकों से उन्हें फायदा होता है। इस बात को अन्वेषक युसुके त्सुगावा ने कही है।
रिपोर्ट में आगे कहा, यहां पर पुरुष हो या महिला सभी को फीमेल डॉक्टरों से उपचार करने पर फायदा हुआ है। इस पर सभी को गौर करना चाहिए, क्योंकि परिणाम अच्छे रहे और वो भी तारीफ-ए-काबिल है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि महिला डॉक्टर मरीजों क साथ ज्यादा समय बिताती हैं और उनके रिकॉर्ड और परफॉर्मेंस को भी अच्छे से सहजती हैं। एक महिला चिकित्सक द्वारा इलाज किए जाने से शर्मिंदगी, असुविधा और सामाजिक और सांस्कृतिक वर्जनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है जो संवेदनशील परीक्षाओं के दौरान महिला रोगियों के लिए उत्पन्न हो सकती हैं।
2002 के एक अलग अध्ययन में पाया गया कि महिला डॉक्टर एक मरीज के साथ औसतन 23 मिनट बिताती हैं, जबकि पुरुष डॉक्टर 21 मिनट बिताते हैं।