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नए कोरोनावायरस 'नियोकोव' की चेतावनी, खतरों को लेकर WHO ने कही ये बात

By अनिल शर्मा | Published: January 29, 2022 11:40 AM

अध्ययन के अनुसार, NeoCov मानव कोशिकाओं में उसी तरह घुस सकता है जैसे COVID-19 वायरस। नियोकोव मनुष्यों के लिए खतरनाक बनने से केवल एक म्युटेशन दूर है।

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ठळक मुद्देनियोकोव को लेकर WHO ने कहा कि इसके और अध्ययन की जरुरत हैसंगठन ने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या यह मनुष्यों के लिए घातक है

वुहानः यहां के वैज्ञानिकों ने नए कोरोनावायरल का पता लगाया है जो लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है और हर तीसरे संक्रमित में से एक की मौत का कारण बनता है। रूसी समाचार की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वुहान के वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका में एक नए प्रकार के कोरोनवायरस 'नियोकोव' की चेतावनी दी है जो लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।

चीनी वैज्ञानिकों की इस चेतावनी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बयान जारी किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नए कोरोनावायरल के विकास से अवगत है, लेकिन वायरस के बारे में जानने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है कि क्या यह मनुष्यों के लिए खतरा है।

रूसी समाचार एजेंसी TASS ने WHO के हवाले से कहा कि "क्या अध्ययन में पाया गया वायरस मनुष्यों के लिए जोखिम पैदा करेगा, इसके लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता होगी।  मनुष्यों में 75% संक्रामक रोगों का स्रोत जंगली जानवर थे। वैश्विक निकाय ने कहा, "कोरोनावायरस अक्सर जानवरों में पाए जाते हैं, जिनमें चमगादड़ भी शामिल हैं। चमगादड़ों को कई वायरस के प्राकृतिक भंडार के रूप में पहचाना गया है।" WHO ने अपने शोध को प्रीप्रिंट में साझा करने के लिए चीनी शोधकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया।

अध्ययन के अनुसार, NeoCov मानव कोशिकाओं में उसी तरह घुस सकता है जैसे COVID-19 वायरस। नियोकोव मनुष्यों के लिए खतरनाक बनने से केवल एक म्युटेशन दूर है। इस वायरस का पता वुहान के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। शोधकर्ताओं की रिपोर्ट प्रीप्रिंट रिपोजिटरी बायोरेक्सिव में छपी है। अध्ययन की अभी समीक्षा की जानी बाकी है।

हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक NeoCov वायरस नया नहीं है। MERS-CoV वायरस से संबद्ध इस वायरस को साल 2012 और 2015 में मध्य पूर्वी देशों में प्रकोपों ​​​​में खोजा गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह SARS-CoV-2 के समान है, जो मनुष्यों में कोरोनावायरस का कारण बनता है।

वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस के बारे में जानकारी दी है कि NeoCoV को दक्षिण अफ्रीका में एक चमगादड़ की आबादी में खोजा गया था जो केवल इन्हीं जानवरों के बीच फैलता था। बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि NeoCoV और इसके नजदीकी PDF-2180-CoV मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।

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