मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर पूर्व कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कृष्णम केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी के अमेठी लोकसभा सीट से हार के डर की वजह से ऐसी भाषा बोल रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "आचार्य प्रमोद कृष्णम जो कह रहे हैं, वह उनका बयान नहीं है बल्कि वो स्मृति ईरानी की भाषा बोल रहे हैं। स्मृति ईरानी जानती हैं कि वह अमेठी में हारने वाली हैं, इसलिए वह हर तरह के हथकंडे अपना रही हैं। इसलिए आचार्य प्रमोद कृष्णम स्मृति ईरानी का बचाव करने के लिए उनकी भाषा में बोल रहे हैं।''
इससे एक दिन पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है, ''सैम पित्रोदा का बयान उनका नहीं बल्कि राहुल गांधी का है। यह महात्मा गांधी के सिद्धांतों के खिलाफ बयान है। मैं पीएम से अपील करता हूं कि ऐसा ऐसे बयान, ऐसी सोच और ऐसी पार्टियां के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।''
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा के 'नस्लवादी' बयान को लेकर देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हलचल मच गई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि देश के पूर्व में रहने वाले लोग 'चीनी' जैसे दिखते हैं, जबकि दक्षिण में रहने वाले लोग 'अफ्रीकियों' जैसे दिखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और साथ ही विपक्षी नेताओं के एक वर्ग के गुस्से और आलोचना का सामना करते हुए सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
उनका इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्वीकार कर लिया गया था और साथ ही पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि पित्रोदा ने यह फैसला अपनी मर्जी से लिया है।
इससे पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को एक विस्फोटक दावा किया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कसम खाई थी कि अगर कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर फैसले को पलट देंगे।
निष्कासित कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए एक "सुपरपावर कमीशन" बनाने पर जोर दिया, जिसने राम मंदिर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने कहा, ''मैंने कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय बिताया है और जब राम मंदिर का फैसला आया तो अमेरिका में अपने शुभचिंतक से सलाह लेने के बाद राहुल गांधी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक में कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वे महाशक्ति आयोग बनाकर राम मंदिर के फैसले को वैसे ही पलट देगा जैसे राजीव गांधी ने शाह बानो के फैसले को पलटा था।''