नई दिल्ली: भारत का दौरा कर रहे मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने बीते गुरुवार को कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई मुलाकात में उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की नई दिल्ली यात्रा की त्वरित संभावनाओं के विषय में विस्तार से चर्चा की।
दोनों देशों के बीच यह बातचीत उस वक्त में हुई जब दोनों तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए राजनयिक वार्ता कर रहे हैं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने कहा कि मालदीव सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
ज़मीर ने मालदीव में चुनाव में जीत के बाद भारत नहीं बल्कि पहले चीन की यात्रा करने के राष्ट्रपति मुइज्जू के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि पहले भारत दौरे को लेकर नई दिल्ली के साथ चर्चा हुई थी लेकिन दोनों पक्षों की 'सुविधा' को देखते हुए उसे टाल दिया गया था।
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन के साथ तुर्की का भी दौरा किया था। हमने राष्ट्रपति की यात्रा के बारे में दिल्ली के साथ चर्चा की थी लेकिन दोनों पक्षों की सुविधा के लिए हमने सोचा कि इसमें थोड़ा विलंब करना ठीक रहेगा।"
मालदीव के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने जल्द ही मुइज्जू की नई दिल्ली यात्रा आयोजित करने की बात कही है। उन्होंने कहा, "वास्तव में आज विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस मुद्दे को लेकर मेरी चर्चा हुई। हम राष्ट्रपति की जल्द ही दिल्ली यात्रा पर गंभीर वार्ता कर रहे हैं।"
इसके साथ मूसा ज़मीर नेन यह भी स्पष्ट किया कि मालदीव ने चीन के साथ कोई सैन्य समझौता नहीं किया है। ज़मीर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमारा चीन के साथ कोई सैन्य समझौता हुआ है। मालदीव के राष्ट्रपति ने एक बात स्पष्ट रूप से कही है कि हम मालदीव में कोई विदेशी सेना नहीं ला रहे हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों से मालदीव सरकार को अलग करते हुए कहा कि यह मुइज्जू सरकार का रुख नहीं था और यह सुनिश्चित करने के लिए "उचित कार्रवाई" की गई थी कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।
मूसा ज़मीर ने कहा, “अगर आपने गौर से देखा है तो पीएम मोदी के खिलाफ की गई दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी मालदीव सरकार का रुख नहीं था या उसे सरकार का दृष्टिकोण नहीं कहा जा सकता है। हमारा मानना है कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था और फिर हम यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई कर रहे हैं कि आगे कभी इसकी पुनरावृत्ति न हो।”