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वुहान में कोविड की कवरेज के लिए जेल में बंद चीनी पत्रकार 'मौत के करीब', कई दिनों से भूख हड़ताल पर

By विनीत कुमार | Published: November 05, 2021 3:58 PM

कोरोना पर वुहान की सच्चाई दिखाने वाली चीन की एक सिटिजन जर्नलिस्ट पिछले कई दिनों से जिंदगी और मौत से जूझ रही है। परिवार का कहना है कि वह मौत के करीब है।

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ठळक मुद्देझांग झान नाम की ये महिला पत्रकार पिछले एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है।झांग झान को चार साल की जेल की सजा सुनाई गई है, वे पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।महिला पत्रकार के भाई ने कहा है कि आने वाले ठंड के दिनों में उनकी बहन शायद न बचे।

बीजिंग: वुहान में कोरोना के शुरुआती मामलों पर चीन की सरकार के रवैये लेकर रिपोर्टिंग करने वाली एक सिटिजन जर्नविस्ट अब मौत के करीब है। ऐसा दावा पत्रकार के परिवार वालों ने किया है। ये पत्रकार जेल में बंद है और कई दिनों से भूख हड़ताल पर है।

झांग झान नाम की ये महिला पत्रकार 38 साल की है और वकील रह चुकी है। महामारी पर मची अफरातफरी की कवरेज के लिए ये पत्रकार पिछले साल फरवरी में वुहान गई थी और अपने स्मार्टफोन के जरिए वीडियो बनाते हुए अधिकारियों द्वारा महामारी को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर सवाल दागे थे।

झांग को मई 2020 में हिरासत में लिया गया था और दिसंबर में 'झगड़े करने और भड़काने' के लिए चार साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। ये आरोप चीन में अक्सर असंतोष को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।

फिलहाल झांग का वजन बेहद कम होकर गंभीर अवस्था में पहुंच गया है। झांग के भाई ने पिछले हफ्ते एक ट्विटर अंकाउंट पर लिखा कि 'वह ज्यादा समय तक अब जिंदा नहीं रहेगी।' ये ट्विटर अकाउंट मामले पर करीबी से नजर रखने वालों द्वारा वेरिफाइड है। 

झांग की काननी टीम ने इसी साल की शुरुआत में एएफपी को बताया था कि वह भूख हड़ताल पर है और उसे नाक की नलियों के माध्यम से जबरन खाना दिया जा रहा था।

भाई ने लिखा- आने वाले ठंड के दिनों में बहन शायद न बचे

महिला पत्रकार के भाई झांग जू ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'वह आने वाली कड़ाके की सर्दी में शायद नहीं बच पाएगी।' साथ ही झांग ने अपनी बहन को लिखी चिट्ठी में 'अपना ख्याल रखने' का आग्रह किया है।

इस बीच झांग जू की पोस्ट से उनकी बहन की रिहाई को लेकर नए सिरे से मांग उठने लगी है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार को चीनी सरकार से झांग झान को तत्काल रिहा करने का आग्रह किया ताकि वह अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर सके और उचित चिकित्सा प्राप्त कर सके।

एमनेस्टी के कैंपेनर ग्वेन ली ने एक बयान में कहा कि झांग को हिरासत में लेना 'मानवाधिकारों पर शर्मनाक हमला' था।

पत्रकार के एक करीबी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि परिवार ने झांग से तीन हफ्ते पहले शंघाई महिला जेल में मिलने के लिए गुहार की थी, पर कोई जवाह नहीं मिला है।

न्यूज एजेंसी के अनुसार पत्रकार के भाई झांग जू की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है जबकि झांग की मां ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शंघाई जेल ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पत्रकार झांग झान की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की। साथ ही उनकी रिहाई के लिए उठ रही मांग को 'चीन विरोधी राजनीति' से जुड़ा कदम बताया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'चीन में कानून है। जो कोई भी कानून तोड़ता है उसे कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए।'

इस बीच रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के अनुसार महिला पत्रकार की स्थिति ऐसी हो गई है कि अब वह बिना मदद के न चल सकती हैं और न ही अपनी गर्दन उठा सकती हैं।

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