मुंबई:महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते गुरुवार को उद्धव ठाकरे द्वारा उन्हें 'गद्दार' कहे जाने पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे खुद वैसे हैं, उन्होंने महाराष्ट्र के साथ विश्वासघात किया और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को छोड़ दिया।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "मेरे लिए इस्तेमाल किए गए 'गद्दार' शब्द उन पर लागू होते हैं। साल 2019 में उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को छोड़ दिया। उन्होंने अपने पिता की विचारधारा को बेच दिया। उन्होंने पाप किया और जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।"
सीएम शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया पर बेहद आक्रमक हमला करते हुए कहा, "उन्होंने अपने दोस्त और महाराष्ट्र के लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को धोखा दिया है।"
इतना ही नहीं शिंदे ने अपने हमले में ठाकरे पर लालची होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि कुर्सी की लालच के कारण उन्होंने समान विचारधारा वाले पुराने सहयोगी (भाजपा) को छोड़ दिया और कांग्रेस के अलावा शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।
उन्होंने कहा, "जब हमने एक साथ चुनाव लड़ा तो शिवसेना और भाजपा की विचारधारा एक ही थी। लोगों का मानना था कि गठबंधन सरकार होगी और इसीलिए उन्होंने वोट दिया। लेकिन सीएम पद के लालच में वे कांग्रेस और शरद पवार के साथ भाजपा को छोड़कर आगे बढ़ गए। क्या यह विश्वासघात नहीं है। हालांकि मैं उस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता, जैसा वो कर रहे हैं क्योंकि बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे ने मुझे यह नहीं सिखाया है।''
शिंदे की यह प्रतिक्रिया शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा उन्हें लेकर हमले के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को अपने माथे पर 'मेरे पिता गद्दार हैं' लिखाना चाहिए।
घाटकोपर में एक रैली को संबोधित करते हुए चतुर्वेदी ने कहा, "एक हिंदी फिल्म थी, जिसमें बेटे के हाथ पर लिखा था 'मेरा बाप चोर है'। इसी तरह श्रीकांत शिंदे के माथे पर लिखना चाहिए कि 'मेरा बाप गद्दार है'।”
इसे एक महिला सांसद की ओर से आया बेहद अनुचित बयान बताते हुए संजय निरुपम ने दावा किया कि यह उद्धव ठाकरे ही थे, जिन्होंने महाविकास अघाडी सहयोगियों कांग्रेस और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ अक्टूबर 2019 में मिलकर भाजपा को धोखा दिया और बाद में 'महा गद्दार' बन गए।
निरुपम ने कहा, "अगर वह वास्तव में उनके बयान पर विश्वास करती हैं, तो आदित्य ठाकरे के माथे पर 'मेरा बाप महा-गद्दार है' लिखना चाहिए। उनके पिता ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के साथ विश्वासघात किया था, जिसका उन्होंने जीवन भर विरोध किया था।"