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Corona Vaccine Update: Bharat Biotech की सलाह, इन बीमारियों से जूझ रहे लोग ना लें Covaxin!

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: January 19, 2021 8:21 PM

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Corona महामारी के बीच देशभर में टीकाकरण ( Corona Vaccination )अभियान शुरू हो गया है. सरकार की ओर से दो वैक्सीनों को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है देशवासियों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन के जरिए दो मजबूत हथियार मिले हैं जो इस महामारी को मात देने में मददगार साबित हो सकते हैंदेशभर में कोरोना वैक्सीनेशन के बीच बड़ी खबर सामने आई है. भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट जारी कर बताया है कि किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए.  कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने विस्तार से फैक्ट शीट जारी कर कहा है कि जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या जो ऐसी दवाई ले रहे हैं जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है, उन्हें ऐंटी-कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन न लगवाने की सलाह दी जाती है. कंपनी ने अपनी वेबासाइट पर एक बयान अपलोड कर बताया है कि किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगानी है. बयान के अनुसार एलर्जी पीड़ित, बुख़ार और ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले, वो लोग जो ख़ून पतला करने की दवाई लेते हैं और वो लोग जो इम्युनिटी को लेकर दवाई लेते हैं, उन्हें भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन न लगाने की सलाह दी. इसके साथ ही गर्भवती महिलाएं और जो स्तनपान कराती हैं उन्हें भी इस वैक्सीन लगाने से मना किया गया है. कंपनी ने अपने बयान में कहा है, "कोवैक्सीन गंभीर एलर्जिक रिएक्शन की वजह बन सकती है. इसके कारण सांस लेने में दिक़्क़त, चेहरे या गर्दन पर सूजन, तेज़ धड़कन, शरीर पर रैश, चक्कर और कमज़ोरी जैसी समस्या हो सकती है." कोवैक्सीन निर्माता ने आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का फॉलोअप किया जाएगा. दरअसल वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले सरकार ने भी एक दिशा-निर्देश जारी किया था। इसके तहत गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लेने की अभी जरूरत नहीं है. The Hindu अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार लोग ये तय नहीं कर सकते कि उन्हें कौन-सी वैक्सीन मिलेगी, हालांकि वैक्सीन लगवाना या न लगवाना स्वैच्छिक है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) की ओर से इसके लिए ज़ोर-शोर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. अख़बार कहता है कि वैक्सीन लगाने के बाद 447 लोगों में इसके साइड इफेक्ट दिखे हैं. इनमें से तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. ऐसे में वैक्सीन को लेकर जागरूकता फैलाने पर ज़ोर दिया जा रहा है.द हिन्दू से स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि टीकाकरण की प्रक्रिया में व्यक्ति की सेहत के बारे में पूरी जानकारी लेना और वैक्सीन लगाने के बाद उसकी निगरानी करना शामिल है. वही  कोवैक्सीन को लेकर कई सवाल पहले भी उठ चुके हैं. क्योंकि कोवैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल में है और अभी इसकी प्रभावकारिता पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है.  
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