WBBSE Madhyamik Result 2024: पश्चिम बंगाल के 10वीं के छात्रों के एग्जाम का परिणाम आज घोषित कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (WBBSE) ने गुरुवार सुबह 9 बजे परिणामों का ऐलान कर दिया। स्कोरकार्ड आधिकारिक वेबसाइट - wbbse.wb.gov.in - पर छात्र अपने परिणामों को देख सकते हैं।
कौन रहा टॉपर?
WBBSE माध्यमिक परिणाम परीक्षा के समापन के 80वें दिन घोषित किए जाते हैं। कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 86.31 प्रतिशत है। कूच बिहार के चंद्रचूड़ सेन माध्यमिक परीक्षा के टॉपर हैं।
माध्यमिक परीक्षा में कुल 9126598 उपस्थित हुए, जिनमें से 7,65,252 उत्तीर्ण हुए। माध्यमिक परीक्षा में 4.03 लाख लड़के और 5.08 लाख लड़कियां शामिल हुईं। कलिम्पोंग जिला 96.26 प्रतिशत उत्तीर्ण दर के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला जिला है।
डब्ल्यूबीबीएसई माध्यमिक बोर्ड परिणाम ऐसे करें चेक
1: बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट यानी wbchse.nic.in पर जाएं।
2: होमपेज पर रिजल्ट टैब पर क्लिक करें।
3: उस लिंक पर क्लिक करें जिसमें लिखा है, 'डब्ल्यूबी माध्यमिक बोर्ड परिणाम 2024'।
4: स्क्रीन पर एक नया पेज दिखाई देगा।
5: पूछे गए क्रेडेंशियल दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।
6: आपका डब्ल्यूबी मद्यमिक बोर्ड परिणाम 2024 स्क्रीन पर दिखाई देगा।
7: अपना परिणाम डाउनलोड करें और भविष्य के संदर्भ के लिए उसका प्रिंटआउट ले लें।
इसके अलावा छात्र एसएमएस के जरिए भी अपने परिणाम को देख सकते हैं। इसके लिए एक नया संदेश लिखें: WB 10 रोल नंबर, इसे 56070/56263 पर भेजें। WBBSE मध्यमा परिणाम 2024 उसी फोन नंबर पर भेजेगा।
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने टॉपर की सूची
रैंक 1: रामभोला हाई स्कूल के चंद्रचूड़ सेन, कूच बिहार 693 अंक या 99% के साथ
रैंक 2: पुरुलिया जिला स्कूल की साम्यप्रिया गुरु, 692 अंक या 98.86% के साथ
रैंक 3: दक्षिण दिनाजपुर के उदयन प्रसाद, बीरभूम की पुष्पिता बासुरी, दक्षिण 24 परगना, नायरित रंजन पाल। उन्होंने 691 अंक या 98.71% हासिल किए
रैंक 4: हुगली के तपज्योति मंडल 690 अंक या 98.57% के साथ रैंक 5: उत्तरी बर्धमान के अर्घ्यदीप बसाक 689 अंक या 98.43% के साथ
रैंक 6: त्रिशानु साहा 688 अंक या 98.29% के साथ
2023 में कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 86.15 प्रतिशत था, जिसमें देवदत्त माझी टॉपर बने। पिछले साल, राज्य में कुल पंजीकरण की संख्या में गिरावट देखी गई, जो 2022 में 10,98,775 से घटकर 2023 में 6,98,628 हो गई। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रामानुज गांगुली के अनुसार, इसके पीछे का कारण था कोविड महामारी के बाद छात्रों की झिझक।