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नागपंचमी पर सांपों को दूध पिलाने की प्रथा के पीछे छिपा है ये विचित्र कारण

By गुलनीत कौर | Published: August 15, 2018 10:24 AM

हिन्दू धर्म में नागों का बेहद महत्व है। भगवान शिव के गले में नाग सुशोभित है। भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान हैं।

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सावन के पूरे महीने भगवान शिव के नाम की महिमा बनी रहती है। लेकिन शिव के अलावा सी महीने में कई छोटे-छोटे त्योहार भी आते हैं, जिन्हें मनाने की अपनी एक परम्परा है। सावन में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। 

कई लोग इसदिन व्रत करते हैं और यदि व्रत नहीं तो नागों की पूजा अवश्य करते हैं। नाग पंचमी पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन नाग को दूध पिलाने की भी परंपरा होती है।

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लेकिन नाग पंचमी पर नाग को दूध क्यों पिलाया जाता है, आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण: 

हिन्दू धर्म में नागों का बेहद महत्व है। भगवान शिव के गले में नाग सुशोभित है। भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान हैं। समुद्र मंथन में भी वासुकी नाग का इस्तेमाल किया गया था। इन कारणों से हिन्दू धर्म में नागों को पूजनीय माना गया है।

हिन्दू धर्म के अनुसार दूध चंद्रमा का प्रतीक होता है। और भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान है। इस तरह से चन्द्रमा और नाग, दोनों ही शिव से जुड़े हैं। इसलिए सावन के महीने में भगवान शिव को खुश करने के लिए लोग भगवान शिव के सेवक नाग को दूध पिलाते हैं। 

टॅग्स :नाग पंचमीभगवान शिवसावन
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