नागपंचमी 2018: बन रहा 'स्वार्थ सिद्धि' योग, इस सरल उपाय से करें कालसर्प दोष को दूर
By गुलनीत कौर | Published: August 14, 2018 07:37 AM2018-08-14T07:37:57+5:302018-08-14T07:37:57+5:30
नागों की पूजा या उनके नाम का व्रत करने से अन्न और धन दोनों में इजाफा होता है।
हिन्दू धर्म में ना केवल देवी-देवता, बल्कि पशु, पक्षी और पेड़-पौधों को भी पूजनीय माना गया है। नागों की पूजा करने वाला त्यौहार 'नागपंचमी' इस साल 15 अगस्त, दिन बुधवार को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार नागपंचमी हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसदिन हिन्दू नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं और सर्प की पूजा करते हैं।
सुबह तड़के पूजा का शुभ मुहूर्त आरम्भ हो जाएगा। शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 54 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक ही रहेगा। इसके बाद भी शाम तक पूजा की जा सकती है क्योंकि इस साल नाग पंचमी पर स्वार्थ सिद्धि योग बना रहा है। जो कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेहद शुभ होता है। इसी वजह से इस साल की नागपंचमी को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नागपंचमी क्यों मनाते हैं?
अगर आप इस नागपंचमी व्रत या पूजा कर रहे हैं तो पहले जान लें कि नागपंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। मान्यता है कि नागों की पूजा या उनके नाम का व्रत करने से अन्न और धन दोनों में ही इजाफा होता है।
भारत के कृषिप्रधान देश है और सांप खेतों में ही रहकर फसलों की रक्षा करते हैं। इसलिए इनके पूजन से इन्हें प्रसन्न किया जाता है। लेकिन इसके अलावा धार्मिक रूप से भी कथा प्रचलित है जिसमें एक भाई (जो कि सर्प होता है), वह अपनी बहन की रक्षा करता है। इसलिए इसदिन हिन्दू महिलाएं सांप को अपना भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं।
नागपंचमी पर कालसर्प पूजा
अगर कुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन इसका उपाय करने से दोष पूर्ण रूप से दूर हो जाता है। इसे दो तरीके से किया जा सकता है। पहले उपाय के अनुसार इसदिन नागों की पूजा करें और दिनभर "ॐ नमः शिवाय" का मन ही मन जाप करते रहें। इसके अलावा शिव रुद्राभिषेक कराने से भी जातक की कुंडली के कालसर्प दोष को शांत किया जा सकता है। चूंकि नाग भगवान शिव से जुड़े हैं, इसलिए इसदिन भगवान शिव को प्रसन्न करने से नागों का आशीर्वाद भी प्राप्त हो जाता है।