लाइव न्यूज़ :

नेहरू के सामने जब भरी महफिल में नागार्जुन ने कहा, ‘वतन बेच कर पंडित नेहरू फूले नहीं समाते हैं', जानिए वो पूरा किस्सा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 14, 2022 2:22 PM

पंडित जवाहर लाल नेहरू ने साल 1947 में धर्म की सीमाओं से उपर उठते हुए एक सहिष्णु भारत का निर्माण किया, जो उस समय हुए दंगों से बुरी तरह से सहमा था।

Open in App
ठळक मुद्देदेश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता है पंडित नेहरू ने 1947 से लेकर 1964 में अपने मृत्यु पर्यंत देश की कमान अपने हाथ में रखी लेकिन नेहरू अपने प्रधानमंत्री काल में आलोचना के भी शिकार हुए और उनपर कई तरह के आरोप भी लगे

दिल्ली: देश आज पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती मना रहा है। देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता था। जिन्होंने साल 1964 में अपने मृत्यु पर्यंत देश की कमान अपने हाथ में रखी और साल 1947 में आजादी के बाद हिंदू-मुसलमान के नाम दो टुकड़ों में बंटे उस हिंदुस्तान के एक हिस्से भारत को समावेशी वातावरण देने का प्रयास किया था।

लेकिन नेहरू अपने प्रधानमंत्री काल में आलोचना के भी शिकार हुए। उन पर कई तरह के आरोप भी लगे लेकिन सभी आरोपों को धीरज के साथ सुनने की कला भी नेहरू में बहुत बड़ी थी। शायद यही कारण रहा कि नेहरू ने धर्म की सीमाओं से उपर उठते हुए एक सहिष्णु भारत का निर्माण किया, जो आजादी के समय हुए दंगों से बुरी तरह से सहमा था।

आज के आधुनिक युग में जहां इंटरनेट पर देश और दुनिया से संबंधित खबरों की भरमार है। पंडित नेहरू से जुड़ी भी कई कहानियां और किस्से उसपर उपलब्ध हैं उन्हीं कहानियों में से एक का जिक्र कवि कुमार विश्वास ने साल 2018 के रेख्ता में किया था। कुमार विश्वास द्वारा कहा गया नेहरू-नागार्जुन प्रसंग आज नेहरू के जन्मदिन पर सोशल प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुमार नेहरू और इंदिरा के सामने नागार्जुन के काव्यपाठ की सच्ची कहानी बता रहे हैं।

कुमार विश्वास के कहे मुताबित सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पिता और मशहूर मधुशाला के रचयिता हरिवंश राय बच्चन के पास एक बार नागार्जुन पहुंतचे हैं। ठीक उसी वक्त इंदिरा गांधी भी वहां पहुंती है। बच्चन के आवास पर इंदिरा गांधी नागार्जुन को नेहरू के जन्मदिन पर काव्यपाठ का आमंत्रण देती हैं। उसके बाद नागार्जुन नेहरू के जन्मदिन की महफिल में पहुंचते हैं और कविता के तौर पर सुनाते हैं,

“वतन बेचकर पंडित नेहरुफूले नहीं समाते हैं।बेशर्मी की हद हैफिर भी बातें बड़ी बनाते हैं।अंग्रेजी अमरिकी जोंको कीजमात में हैं शामिलफिर भी बापू की समाधि परझुक-झुक फूल चढ़ाते है।”

कुमार विश्वास द्वारा रेख्ता में कहे प्रसंग का यह मतलब था कि नेहरू के समय से आज के दौर में कितना भारी अंतर आ गया है। कुमार का इशारा उस दौर की राजनीति और आज की राजनीति में आए बदलाव से है। वैसे इसी प्रसंग में यह भी बता दें कि नागार्जुन ने इंदिरा गांधी द्वारा साल 1975 में लगाये गये इमरजेंसी का भी तीखा विरोध किया था और विरोध के कारण नागार्जुन को भी जेल जाना पड़ा था और इंदिरा गांधी के उस फैसले के विरोध में नागार्जुन ने बेहद कटु कविता लिखी थी, जो इस प्रकार है...

क्या हुआ आपको?क्या हुआ आपको?सत्ता की मस्ती मेंभूल गई बाप को?इन्दु जी, इन्दु जी, क्या हुआ आपको?बेटे को तार दिया, बोर दिया बाप को!क्या हुआ आपको?क्या हुआ आपको?

आपकी चाल-ढाल देख- देख लोग हैं दंगहकूमती नशे का वाह-वाह कैसा चढ़ा रंगसच-सच बताओ भीक्या हुआ आपकोयों भला भूल गईं बाप को!

छात्रों के लहू का चस्का लगा आपकोकाले चिकने माल का मस्का लगा आपकोकिसी ने टोका तो ठस्का लगा आपकोअन्ट-शन्ट बक रही जनून मेंशासन का नशा घुला ख़ून मेंफूल से भी हल्कासमझ लिया आपने हत्या के पाप कोइन्दु जी, क्या हुआ आपकोबेटे को तार दिया, बोर दिया बाप को!

बचपन में गांधी के पास रहींतरुणाई में टैगोर के पास रहींअब क्यों उलट दिया ‘संगत’ की छाप को?क्या हुआ आपको, क्या हुआ आपकोबेटे को याद रखा, भूल गई बाप कोइन्दु जी, इन्दु जी, इन्दु जी, इन्दु जी…

रानी महारानी आपनवाबों की नानी आपनफ़ाख़ोर सेठों की अपनी सगी माई आपकाले बाज़ार की कीचड़ आप, काई आपसुन रहीं गिन रहींगिन रहीं सुन रहींसुन रहीं सुन रहींगिन रहीं गिन रहींहिटलर के घोड़े की एक-एक टाप कोएक-एक टाप को, एक-एक टाप को

सुन रहीं गिन रहींएक-एक टाप कोहिटलर के घोड़े की, हिटलर के घोड़े कीएक-एक टाप को…छात्रों के ख़ून का नशा चढ़ा आपकोयही हुआ आपकोयही हुआ आपको

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरूनागार्जुनइंदिरा गाँधीहरिवंश राय बच्‍चनअमिताभ बच्चनकुमार विश्वास
Open in App

संबंधित खबरें

भारतRaebareli Lok Sabha seat: ‘वीवीआईपी’ सीट रायबरेली सुर्खियों में, राहुल गांधी के आने से तापमान चढ़ा, कैसा है समीकरण और क्या है इतिहास

भारतLok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी पिता राजीव गांधी की सीट अमेठी को छोड़कर मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से क्यों उतारे?, जानिए यहां

बॉलीवुड चुस्कीKalki 2898 AD: प्रभास, दीपिका पादुकोण-स्टारर मूवी अब जून में होगी रिलीज़, देखें फिल्म का नया पोस्टर

बॉलीवुड चुस्कीJaya Bachchan Birthday Special: जब अमिताभ बच्चन को प्यार से 'लंबू जी' बुलाती थीं जया बच्चन, फिर इस वजह से छोड़ दी ये आदत

भारतLok Sabha Elections 2024: "राहुल बाबा की दादी ने 'इमरजेंसी' में लोगों को जेल में डाला, वो न बोलें लोकतंत्र के बारे में", अमित शाह ने कांग्रेस नेता के 'लोकतंत्र की हत्या' वाली टिप्पणी पर किया पलटवार

भारत अधिक खबरें

भारतChar Dham Yatra 2024: अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खुले केदारनाथ धाम के कपाट, सीएम धामी ने पत्नी संग किए दर्शन

भारतLok Sabha Elections 2024: "भाजपा में राजपूतों के साथ भेदभाव हो रहा है, उनका अपमान हो रहा है", करणी सेना के अध्यक्ष सूरज पाल अमू ने इन आरोपों के साथ दिया पार्टी से इस्तीफा

भारतLok Sabha Elections 2024: "नरेंद्र मोदी ने 10 सालों में केवल 'अडानी' जैसे लोगों के लिए काम किया है", राहुल गांधी का प्रधानमंत्री पर सीधा हमला

भारतLok Sabha Elections 2024: "भाजपा राम मंदिर पर नहीं रुकेगी, हमें देश का हर मंदिर मुक्त कराना है, हमारा एजेंडा लंबा है", हिमंत बिस्वा सरमा ने दिया विवादित बयान

भारतLok Sabha Elections 2024: "आचार्य प्रमोद अमेठी में स्मृति ईरानी की हार को देखते हुए उन्हीं की भाषा बोल रहे हैं", शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा