लखनऊ: राजधानी लखनऊ में खुले लुल मॉल पर जारी विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त रुख आपनाया है। रोज हो रहे किसी न किसी विवाद से मुख्यमंत्री नाराज हैं। प्रदेश के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई विशेष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लुलु मॉल का जिक्र किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि असमाजिक तत्वों के साथ सख्ती से पेश आएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी घटनाओं को लेकर भी सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रमुख अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर रहे थे। इस बैठक में मंडल, रेंज, जोन और जनपद में तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी शामिल रहे। कांवड़ यात्रा और अगले महीने स्वतंत्रता दिवस समारोह से जुड़े कार्यक्रमों को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विशेष सावधानी बरतने को कहा। बैठक में योगी आदित्यनाथ ने लुलु मॉल पर जारी विवाद पर कहा कि एक नए मॉल को राजनीति का अड्डा बना दिया गया है। उसके नाम पर प्रदर्शन हो रहे हैं और बेमतलब की बयानबाजी हो रही है। इस मामले को लखनऊ प्रशासन गंभीरता से ले।
क्या है लुलु मॉल विवाद
10 जुलाई 2022 को लखनऊ में खुले लुलु मॉल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। पहले दिन से ही ये मॉल लगातार सुर्खियों में है। पहले मॉल के अंदर नमाज पढ़ते कुछ लोगों को वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और मॉल के अंदर हनुमान चालीसा पढ़ने की बात की। फिर इसके बाद कहा गया कि मॉल में साम्प्रदायिक आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं। कुछ हिंदू सगठनों ने आरोप लगाया था कि मॉल में 80 प्रतिशत कर्मचारी मुस्लिम पुरूष हैं और 20 प्रतिशत हिंदू महिलाएं। एक हिंदू नेता शिशिर चतुर्वेदी ने आरोप लगाया था कि लुलु मॉल में 80 प्रतिशत कर्मचारी मुस्लिम पुरुष हैं और बाकी 20 प्रतिशत हिंदू महिलाएं। इसे लव जिहाद से भी जोड़ा गया। लगातार विवादों में घिरे मॉल पर पुलिस का पहरा भी लगाना पड़ा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मॉल में बिना इजाजत धार्मिक गतिविधियां करने के लिए कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मुख्यमंत्री इन घटनाओं से नाराज हैं।